राष्ट्र सेविका समिति की महासचिव सीता गायत्री ने गुरुवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा माताओं के हाथों में है। महिलाओं की सुरक्षा कपड़ों में नहीं है, बल्कि पुरुषों की नजरों में है।
आरएसएस के महिला संगठन की महासचिव ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए तरीके बताये। उन्होंने कहा कि माताओं को अपने बेटों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करनी चाहिए। लक्ष्मी बाई केलकर की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारतीय विचारों में उन सभी समस्याओं का जवाब है जिनका महिलाएं दुनिया में सामना कर रही हैं।
बच्चों को जीने का सही तरीका सिखाना चाहिए
राष्ट्र सेविका समिति की महासचिव सीता गायत्री ने गुरुवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा माताओं के हाथों में है। महिलाओं की सुरक्षा कपड़ों में नहीं है, बल्कि पुरुषों की नजरों में है। सभी माताओं को अपने बच्चों को जीने का सही तरीका सिखाना चाहिए। अपने बेटों में समझ विकसित करना हर मां की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि माताओं को अपने बच्चों को राष्ट्रवादी और देशभक्त बनाना चाहिए। महिलाओं को भारतीय विचारों का पालन करना चाहिए
एक हजार सालों में आया बदलाव
जयंती समारोह में आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारत में हमेशा महिलाओं का एक विशेष स्थान रहा है। प्राचीन काल में उनके साथ कभी भेदभाव नहीं किया जाता था। लेकिन पिछले एक हजार सालों में बदलाव हुए हैं। हमारे यहां पहले पर्दा प्रथा नहीं था। वेदों में ऐसा कुछ नहीं लिखा है। हमारे समाज में बाल विवाह भी नहीं था। महिलाओं को शिक्षा मिलती थी। उन्होंने कहा कि हालांकि, अब बदलाव आ रहा है। समाज पटरी पर आ रहा है। विकास के लिए भारतीय दर्शन से जुड़ने की आवश्यकता है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम कौन थे और हमारे विचार क्या थे।”