ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में शनिवार को सुबह से शाम तक चार अलग-अलग सत्रों में बैठक होगी। 172 ऊर्जा उत्पादकों को बैठक का न्योता भेजा गया है।
वाटर सेस के बिल भेजने से पहले शनिवार को सूबे के विद्युत उत्पादकों की सरकार नब्ज टटोलेगी। ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में शनिवार को सुबह से शाम तक चार अलग-अलग सत्रों में बैठक होगी। 172 ऊर्जा उत्पादकों को बैठक का न्योता भेजा गया है। इस बैठक में बनने वाली सहमति की रिपोर्ट को 28 जून को हाईकोर्ट में रखा जाएगा। बिजली परियोजनाओं से वसूले जाने वाले वाटर सेस के मामले के लिए सरकार ने ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। सरकार के पास वाटर सेस एक्ट में 125 उत्पादकों ने पंजीकरण करवाया है। करीब 30 ऊर्जा उत्पादक ऐसे भी हैं, जिन्होंने पंजीकरण करवाने के साथ हाईकोर्ट में भी केस किया है।
28 जून को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होना प्रस्तावित है। इस मामले को कोर्ट से पहले सुलझाने के लिए सरकार ने छह जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। कमेटी में जलशक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया है। सतलुज जल विद्युत निगम ने पंजीकरण नहीं करवाया है। भारत सरकार के कहने पर खुद को पंजीकृत नहीं करवाने का निगम ने तर्क दिया है। हिमाचल की बोनाफाइड पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन भी वाटर सेस के खिलाफ है। एसोसिएशन ने वाटर सेस की राशि को लौटने या माफ करने की मांग उठाई है। इन सभी मामलों को लेकर शनिवार को चर्चा होना प्रस्तावित है।