कांग्रेस के निर्णय पर साझा उम्मीदवारों की सूची से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और केरल को दूर रखा गया है। नीतीश के बाद दूसरे दलों के अन्य नेता बारी-बारी से अपनी राय रखेंगे। योजना के तहत राहुल को सूची में अंतिम पायदान पर रखा गया है।
लोकसभा 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने की कवायद के तहत शुक्रवार को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक की सफलता पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रुख पर निर्भर होगी। गैरकांग्रेस विपक्ष की ओर से बैठक की शुरुआत में ही बतौर मेजबान बिहार के सीएम विपक्षी एकता के लिए कई प्रस्ताव रखेंगे। समापन भाषण के जरिये राहुल इन प्रस्तावों पर कांग्रेस का रुख जाहिर करेंगे। अधिकतर विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट होंगे या नहीं, यह राहुल गांधी के रुख पर निर्भर करेगा।
जदयू सूत्रों के मुताबिक गैरकांग्रेस क्षेत्रीय दलों ने आपसी सहमति से कई प्रस्ताव तैयार किए हैं जिन्हें नीतीश बैठक में पेश करेंगे। मसलन नीतीश सीटों के बंटवारे के लिए कोर कमेटी का गठन और विवादों को सुलझाने के लिए इस कोर कमेटी का संयोजक नियुक्त करने का प्रस्ताव रखेंगे। नीतीश उन चार सौ से अधिक सीटों पर विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने का भी प्रस्ताव रखेंगे जहां बैठक में शामिल दलों और कांग्रेस का बीते चुनाव में भाजपा से सीधा मुकाबला रहा है। यह प्रस्ताव भी रखा जाएगा कि कोर कमेटी ही भाजपा के खिलाफ साझा मुद्दा और चुनावी रणनीति का रोडमैप तैयार करें।
साझा उम्मीदवारों की सूची से तेलंगाना आंध्र प्रदेश, ओडिशा और केरल दूर
कांग्रेस के निर्णय पर साझा उम्मीदवारों की सूची से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और केरल को दूर रखा गया है। नीतीश के बाद दूसरे दलों के अन्य नेता बारी-बारी से अपनी राय रखेंगे। जद-यू सूत्रों के मुताबिक तय योजना के तहत राहुल को सूची में अंतिम पायदान पर रखा गया है। नीतीश व दूसरे दलों के नेताओं के सुझावों और प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय कांग्रेस ही लेगी।
सीटों का बंटवारा सबसे मुश्किल
नीतीश को पता है कि साझा उम्मीदवार तय करने के लिए सीटों का बंटवारा बेहद दुश्कर है। इसलिए नीतीश चाहते हैं कि कोर कमेटी बना कर किसी अनुभवी और सर्वमान्य नेता को इसका संयोजक बनाया जाए। नीतीश यह भी चाहते हैं कि कमेटी के संयोजन का जिम्मा शरद पवार संभालें। कमेटी में सभी दलों के लोग शामिल हों। यही कमेटी विवादों के निपटारे के साथ साझा मुद्दा और साझा रोडमैप तैयार करे।