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पटना में विपक्षी दलों की बैठक आज, एक मंच पर दिखेंगे कई दिग्गज नेता

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केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे देश के विपक्षी दलों के नेता आज पटना में जुट रहे हैं। बैठक में बड़ा मुद्दा पार्टियों के बीच सामंजस्य का है। हालांकि, नेताओं का कहना है कि विपक्षी दलों की बैठक का एजेंडा साफ है। सभी दल भाजपा का मुकाबला करने के लिए एकजुट होना चाहते हैं।

भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए पटना में आज विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह बैठक बुलाई है। इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे।

वहीं, विपक्षी दलों की बैठक से पहले ही मतभेद के स्वर गूंजने लगे हैं। आम आदमी पार्टी के दिल्ली से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का समर्थन न मिलने पर किसी भी वक्त बैठक छोड़ने की धमकी के बीच पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पटना पहुंच गए और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ नीतीश कुमार से मुलाकात भी की। जदयू सूत्रों ने बताया, आप चाहती है कि दूसरे विपक्षी दलों की तरह कांग्रेस भी राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करने की घोषणा करे।

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीररंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को विपक्षी एकता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बताया है। वह बंगाल में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल पर हिंसा करने व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया।

इससे पहले, पंचायत चुनाव में माकपा-कांग्रेस गठबंधन से नाराज ममता ने कांग्रेस से सहयोग न करने की घोषणा की थी। हालांकि, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव कांग्रेस और ममता के बीच जारी खटास को कम करने की कोशिशों में जुटे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी देर शाम पटना पहुंच चुके थे।

परिवार की तरह मिलकर भाजपा से लड़ेंगे : ममता
ममता ने कहा, हम एक परिवार की तरह साथ मिलकर भाजपा से लड़ेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो।

केजरीवाल ‘भावी पीएम’, नीतीश ‘मोदी के खास’
भाजपा के खिलाफ एकजुट होने से पहले आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया है। बिहार में आम आदमी पार्टी के नाम से पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें अरविंद केजरीवाल को अगला प्रधानमंत्री बताया गया है, जबकि नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी का विश्वासपात्र बताकर मजाक उड़ाया गया है।

अध्यादेश के खिलाफ दिख सकती है एकजुटता, कांग्रेस चुप
आम आदमी पार्टी समेत कई क्षेत्रीय दलों का मानना है कि भाजपा को दिल्ली के संदर्भ में केंद्र सरकार के अध्यादेश पर राज्यसभा में विपक्षी एकजुटता का अहसास कराया जाए। बैठक में केंद्रीय एजेंसियों की विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर भी चर्चा होगी। हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने अभी तक कुछ नहीं कहा है।

इमरजेंसी लगाने वालों को जेपी की धरती नहीं स्वीकारेगी : सुशील मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा, देश में आपातकाल लगाने वाले, जेपी को गिरफ्तार कर जेल में बंद करने वाले, लोकतंत्र की हत्या करने वाले, प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने वालों को जेपी की धरती कभी स्वीकार नहीं करेगी। मोदी ने कहा, दरअसल लोकतंत्र खतरे में नहीं बल्कि विपक्षी एकता वाले दलों का परिवार खतरे में है। ये अपने-अपने परिवार की राजनीति को बचाने में लगे हैं।

गिरेबां में झांक लेतीं पार्टियां : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर ऐसा प्रयास करने से पहले ये पार्टियां जनता में विश्वास जगाने की गरज से अगर अपने गिरेबां में झांक लेतीं तो अच्छा होता। मुंह में राम, बगल में छूरी आखिर कब तक चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बहुजन समाज का हित और संविधान को सही तरीके से लागू करने का काम कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां नहीं कर सकतीं।

जयंत नहीं होंगे शामिल…
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने विपक्षी एकता को जरूरी बताते हुए इस दिशा में नीतीश की ओर से की जा रही पहल को समर्थन देने की घोषणा की है। वैसे चर्चा यह भी है कि शहरी निकाय चुनाव में रालोद और सपा के बीच पनपी दूरी के कारण वह नहीं गए हैं।

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