पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कुछ दिन पहले बताया था कि 30 जून को आईएमएफ का लोन कार्यक्रम खत्म हो जाएगा। कार्यक्रम को दोबारा लागू करने का समय खत्म होने वाला है। पाकिस्तान का कहना है कि उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था स्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मोनेटरी फंड के 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर लोन की आवश्यकता है।
पाकिस्तान सरकार ने अपने देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की योजना का खुलासा किया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, प्रांतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मंत्रियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान सरकार ने द इकोनॉमिक रिवाइवल प्लान लॉन्च किया
एसआईएफसी स्थापित किया जाएगा
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, पूंजी जुटाने के लिए प्लान रक्षा उत्पादन, कृषि और पशुधन, खनिज और खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के प्रमुख क्षेत्रों में संभावनाओं को बढ़ाने में सहायक है। प्लान मित्र देशों से निवेश बढ़ाने के लिए भी प्रेरित करता है। प्लान के विकास के लिए स्पेशल इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन काउंसिल (एसआईएफसी) स्थापित किया जाएगा। इसके तहत संभावित निवेशकों के लिए सिंगल विंडो इंटरफेस में काम किया जाएगा। एसआईएफसी लंबी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को कम करेगा। नए निकाय का उद्देश्य केंद्र और प्रांतों के बीच होरिजेंटल-वर्टिकल तालमेल बनाना है। समय पर निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करना और प्रयासों के दोहराव से बचना और त्वरित परियोजना कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
आर्थिक पुनरुद्धार की कुंजी एफडीआई
बैठक में संबोधित करते हुए प्रीमियर ने कहा कि जब उन्होंने सरकार संभाली उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था पतन के कगार पर थी। लेकिन हमारी सरकार कड़े फैसलों के साथ इसे विकास की ओर लेकर जा रही है। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि एक्सपोर्ट के आधार पर होने वाली फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट देश के आर्थिक पुनरुद्धार की कुंजी है। जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार काम कर रही है। हम सरकार के हर फैसले का समर्थन करते हैं।
बाजार में अब भी तनाव
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कुछ दिन पहले बताया था कि 30 जून को आईएमएफ का लोन कार्यक्रम खत्म हो जाएगा। कार्यक्रम को दोबारा लागू करने का समय खत्म होने वाला है। पाकिस्तान का कहना है कि उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था स्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मोनेटरी फंड के 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर लोन की आवश्यकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ के इस कार्यक्रम को पूरा न करने वाले देशों के प्रति दुनिया में विश्वास को कम कर देगी। डार का कहना है कि पाकिस्तान में वित्तीय संकट नहीं है। पाकिस्तान डिफॉल्ट नहीं होगा। हालांकि, बाजार में अब भी दहशत है। चूंकि, पाकिस्तानी रुपया अब 308 से बढ़कर 313 रुपए प्रति डॉलर हो गया है। पाकिस्तान के रुपए की शक्ति गिरने के कारण पाकिस्तानी बाजार तनाव में है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आए राजनीतिक खींचतान के कारण, समीक्षा को पूरा करने में गठबंधन सरकार विफल रही थी। इसके अलावा पाकिस्तान ने 10वीं-11वीं समीक्षाओं को पूरा करने में भी देरी की। डार ने शेखी बघारते हुए कहा कि हमने उन पंडितों को चौंका दिया, जिन्होंने पाकिस्तान के दिवालिया होने की भविष्यवाणी की थी।