कैंची धाम की स्थापना करने वाले बाबा नीम करोली महाराज के आशीर्वाद से कैसे स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग जैसे दिग्गजों की किस्मत चमक गई इसे लेकर तमाम किस्से प्रचलित हैं। यह बिल्कुल सच है कि जिस भी व्यक्ति को देखकर अनायास ही बाबा ने कोई आशीर्वाद दिया, वह हमेशा पूरा जरूर हुआ भले ही उस समय यह हो पाना कितना ही कठिन या असंभव सा ही क्यों न प्रतीत होता रहा हो।
ऐसा ही एक वाकया है जब बाबा ने चौधरी चरण सिंह को वर्ष 1962-63 के दौरान देश का प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दे दिया था। इसी तरह उत्तराखंड के गृह सचिव रहे मंजुल कुमार जोशी को भी बाबा ने तब आईएएस बनने का आशीर्वाद दिया था जब वे सातवीं कक्षा के छात्र थे।
वर्ष 1962 में जब बाबा अल्मोड़ा मार्ग पर कैंची नामक जगह आए और उन्होंने यहां शिप्रा नदी के तट पर अपना आश्रम स्थापित करने की शुरुआत की तब उनके पास न तो धन या कोई साधन थे और न ही इसके लिए भूमि। अपनी धुन के पक्के बाबा ने यहीं आश्रम बनाना तय किया। इसके लिए भूमि प्राप्त करने को उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से भूमि उपलब्ध कराने को कहा लेकिन वांछित भूमि दे पाने में वन अधिकारी समर्थ नहीं थे।
बाबा ने उनसे पूछा कि भूमि कैसे मिल सकती है तो उन्होंने कहा कि केवल वन मंत्री ही यह कार्य कर सकते हैं। बाबा ने कहा कि ठीक है उनसे ही मांग लेंगे। लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब बाबा को उनके पास नहीं जाना पड़ा बल्कि चंद रोज बाद तत्कालीन कृषि और वन मंत्री चौधरी चरण सिंह स्वयं ही कैंची आ पहुंचे।
बाबा की ओर से चरण सिंह से मंदिर निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने की मांग पर चरण सिंह ने मंदिर के लिए एक रुपये की लीज पर वन विभाग की भूमि उपलब्ध कराई।
बाबा ने चरण सिंह को आशीर्वाद दिया कि वे एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। तब शायद स्वयं चरण सिंह ने भी इसकी कल्पना न की हो लेकिन बाद में 28 जुलाई 1979 को चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री बने और वे 14 जनवरी 1980 तक इस पद पर रहे।
इसी तरह उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी रहे आध्यात्मिक प्रवृत्ति के विद्वान मंजुल कुमार जोशी को लेकर बाबा ने तभी उनके आईएएस बनने की घोषणा कर दी थी जब वे सातवीं कक्षा में पढ़ते थे। मंजुल के परिवार का बाबा से गहरा लगाव रहा और उन्हें स्वयं भी बाबा का सानिध्य मिला।