गूगल ने बचाव करते हुए कहा, यूरोपीय संघ की जांच उसके विज्ञापन व्यवसाय के संकीर्ण हिस्से पर केंद्रित है। गूगल के वैश्विक विज्ञापन कारोबार के उपाध्यक्ष डेन टेलर ने कहा, गूगल के विज्ञापन तमाम उद्यमों व वेबसाइटों की मदद करते हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिस्पर्धा महानिदेशक ने गूगल की पेरेंट कंपनी एल्फाबेट के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए इसे अपने विज्ञापन कारोबार का एकाधिकार खत्म करने को कहा है। आयोग के प्रतिस्पर्धा नियामक ने बुधवार को गूगल पर ऑनलाइन विज्ञापन कारोबार में एकाधिकार व प्रभुत्व के जरिये प्रतिद्वंद्वियों को पीछे करने का आरोप लगाया। इसे गूगल के व्यापार मॉडल की बुनियाद पर चोट माना जा रहा है। अमेरिका भी ऑनलाइन कारोबार पर गूगल के एकाधिकार को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहा हैयूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने कहा, ऑनलाइन विज्ञापन बाजार के दोनों छोर पर गूगल का दबदबा है। गूगल इस स्थिति का फायदा उठाते हुए उच्च शुल्क वसूलता है। इसे प्रभावी रूप से तभी कम किया जा सकता है, जब गूगल अपनी एडटेक कारोबार का कुछ हिस्सा बेच दे। उन्होंने कहा, गूगल खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के हितों का खुद ही प्रतिनिधित्व कर रहा है। इसके अलावा इस कारोबार के नियम, मांग और आपूर्ति का नियंत्रण भी गूगल के हाथ में है। जाहिर है यह स्थिति हितों के निहित और व्यापक टकराव को जन्म देता है। लिहाजा, ऑनलाइन विज्ञापन कारोबार के क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने के लिए गूगल का एकाधिकार खत्म करना जरूरी है।
गूगल का दावा-जांच का रवैया संकीर्ण
गूगल ने बचाव करते हुए कहा, यूरोपीय संघ की जांच उसके विज्ञापन व्यवसाय के संकीर्ण हिस्से पर केंद्रित है। गूगल के वैश्विक विज्ञापन कारोबार के उपाध्यक्ष डेन टेलर ने कहा, गूगल के विज्ञापन तमाम उद्यमों व वेबसाइटों की मदद करते हैं। इसके अलावा सभी व्यवसायों को नए ग्राहकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने में सक्षम हैं। गूगल इसके खिलाफ उचित विधिक कदम उठाएगा।
कई बार लगा जुर्माना
गूलग के खिलाफ ब्रिटेन और अमेरिका में भी प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन के मामले में मुकदमे चल रहे हैं। जबकि, यूरोपीय संघ इससे पहले गूगल पर तीन अलग-अलग मामलों में 8.6 अरब डॉलर का जुर्माना लगा चुका है।
पहली बार कारोबार बेचने को कहा
ईयू बड़ी टेक कंपनियों के प्रभुत्व को कम करने के कदम लगातार उठा रहा है। हालांकि, पहली बार है, किसी कंपनी को कारोबार बेचने को कहा गया है। ईयू का कहना है कि किसी भी एक कंपनी के पास ज्यादा ताकत नहीं होनी चाहिए, इससे प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है। हालांकि, अंतिम निर्णय से पहले गूगल के पास बात रखने का मौका है।