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नड्डा ने राष्ट्रीय महासचिवों को दिया आगामी चुनावों के लिए जीत का मंत्र, बैठक में शाह भी रहे मौजूद

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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीएल संतोष भी मौजूद रहे। साल के अंत तक पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिवों के साथ बैठक की। इस दौरान संगठनात्मक और राजनीतिक मामलों की समीक्षा की गई। देर रात तक चली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक, साल के अंत तक पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बैठक में मंथन किया गया इससे पहले अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मैराथन बैठक हुई थी, जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई थी।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने 11 जून को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई है। इन बैठकों का एजेंडा आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 लोकसभा चुनाव पर केंद्रित है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष के साथ प्रदेश संगठन महासचिव भी मौजूद रहेंगे। नड्डा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विशेष टिफिन बैठक की थी।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बैठकों के बीच संगठन में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में नए तेवर के साथ उतरने की तैयारी में है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इन राज्यों के चुनाव नतीजे सियासी रूप से काफी अहम माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में पार्टी के सभी सांसदों की बैठक भी बुलाई जा सकती है। ऐसी चर्चा है कि भाजपा तेलुगु देशम पार्टी, अकाली दल और जनता दल (सेक्युलर) जैसे क्षेत्रीय दलों को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल करने पर विचार कर रही है।

भारतीयों को इतिहास से वंचित रखने का हुआ षडयंत्र : अनुराग ठाकुर
इधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, भारत की शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता सबसे जरूरी है। आजादी के बाद भारतीय शिक्षा नीति में भारतीयता नहीं थी। उन्होंने सवाल किया कि आखिर भारतीयों को भारतीय इतिहास से ही वंचित रखने का षडयंत्र क्यों रचा गया? केंद्रीय मंत्री ने पूछा, औरंगजेब पर पूरा पन्ना और महाराणा प्रताप पर बस कुछ लाइनें ही क्यों? स्कूली पाठ्यक्रम में मां भारती के सपूतों की वीरता को कमतर क्यों दिखाया गया। उन्होंने कहा, कुछ लोग बोलते हैं की हमें पीछे नहीं सिर्फ आगे देखना चाहिए। ये उनका डर है। वो जानते हैं की हम जितना पीछे जाएंगे उनकी परतें देश के सामने उजागर होती जाएंगी। ठाकुर ने कहा, मुगल और अंग्रेज आक्रमणकारी थे। दोनों ने भारतीय शिक्षा पद्धति, परंपरा, संस्कृति और सामाजिक तानेबाने को नष्ट किया। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में पश्चिमी संस्कृति को थोपने का प्रयास किया गया।

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