वर्ष 2014-15 में धान का समर्थन मूल्य 1,360 रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 2,183 हो गया है। ग्रेड ‘ए’ धान की कीमत 2,203 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी करार दिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा इससे अन्नदाता को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा। अगर हम देखे तो मोदी सरकार के कार्यकाल में खरीफ सीजन की सभी प्रमुख फसलों की एमएसपी में 50 से 58 फीसदी तक की वृिद्ध हुई है।
वर्ष 2014-15 में धान का समर्थन मूल्य 1,360 रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 2,183 हो गया है। ग्रेड ‘ए’ धान की कीमत 2,203 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इस दौरान ज्वार की एमएसपी 1,530 से बढ़कर 3,180 रुपये, बाजरा की 1,250 से 2,500 रुपये, रागी की 1,550 से बढ़कर 3,846 रुपये, मक्का का समर्थन मूल्य 1,310 रुपये से बढ़कर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।
वहीं, तिलहनों में यह बढ़ोतरी तूर या अरहर में 4,350 से बढ़कर 6,600 रुपये और इस सीजन के लिए 7,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसमें 400 रुपये की वृद्धि है। मूंग की कीमतों की बात करें को 2014-15 में इसकी एमएसपी 4,600 रुपये थी जो 2023-24 में बढ़कर 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। उड़द की एमएसपी 4,350 से बढ़कर इस सीजन में 6,950 रुपये पर पहुंच गई है।
मूंगफली की एमएसपी 4,000 से बढ़कर 6,377 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी क्रम में सूरजमुखी के बीज 3,750 रुपये से बढ़कर 6,760, सोयाबीन की 2,560 से 4,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जबकि इस दौरान तिल का समर्थन मूल्य 4,600 से बढ़कर 8,635 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। इसी तरह से मोदी सरकार के दौरान एमएसपी के तहत आने वाली नाइजर सीड्स, कॉटन मीडियम स्टेपल, कॉटन लों स्टेपल की कीमतों में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।