मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि वित्तीय कंपनियां आत्मसंयम बरतें और बाजार बिगाड़ने का काम न करें। गलत उत्पादों की बिक्री व डाटा के दुरुपयोग पर लगाम भी लगाएं।
नागेश्वरन ने एक कार्यक्रम में कहा, वित्तीय क्षेत्र के लिए नियमन डकैती को तो रोक सकते हैं, लेकिन इस अपराध पर लगाम तभी लगेगी, जब खुद डकैत ही सुधरने का फैसला करेगा। इस मामले में खुद पर ही निगाह रखना सबसे अच्छी निगरानी हो सकती है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, पिछले कुछ समय में वित्तीय उत्पादों से जुड़ी कई कंपनियों पर ग्राहकों के साथ गलत तरीके अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। महिंद्रा फाइनेंस जैसी वित्तीय कंपनियां अपने कर्ज की वसूली के लिए कर्जदारों को डराती और धमकाती हैं। इसके लिए कंपनी को नियामकीय कार्रवाई से भी गुजरना पड़ा था। इसके अलावा, ऑनलाइन कर्ज देने वाले डिजिटल मंच भी कर्जदारों के लिए एक बड़ी चिंता बने हुए हैं।
शुरू होने वाला है कर्ज विस्तार का तेज दौर
नागेश्वरन ने कहा, एक दिन पहले उनकी बाजार नियामक सेबी की प्रमुख से हुई मुलाकात में शेयर बाजारों में कारोबार से बहुत जल्द पैसे बनाने की पेशकश का मामला उठा। उन्होंने कहा, निवेशकों को एक ही दिन में 5,000 रुपये को 6,000 रुपये बना देने के वादे किए जा रहे हैं। लेकिन, इस तरह के वादों को पूरा कर पाना नामुमकिन है। उन्होंने कहा, देश में कर्ज विस्तार का एक और दौर शुरू होने वाला है, जो पिछले दौर से कहीं अधिक तेजी से घटित होगा। अगर भारत को छह प्रतिशत से अधिक दर से लगातार बढ़ना है तो हमें ऐसे वित्तीय चक्र की जरूरत होगी जो आधे दशक में ही खत्म न हो जाए।