फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा को यूरोपीय संघ की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ने बुधवार को बड़ा झटका दिया। उस पर मुक्त प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने के आरोपों की जांच के लिए जो सूचनाएं, डाटा व दस्तावेज चाहिए, वे सभी प्रतिस्पर्धा आयोग को सौंपने को कहा गया है। आयोग की ओर से मांगी जानकारी के खिलाफ मेटा ने अर्जी दायर की थी, जो खारिज कर दी गई
आयोग ने फेसबुक के डाटा व ऑनलाइन मार्केटप्लेस से जुड़ा डाटा सौंपने को कहा था। इनके आधार पर आयोग मेटा के खिलाफ अपना केस तैयार कर रहा है, लेकिन मेटा ने इससे इन्कार दिया था। ताजा आदेश पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय प्रतिस्पर्धा आयोग डाटा को लेकर ऐसा व्यवहार कर रहा है, जैसे मछली पकड़ने की बड़ी मशीनी नौका समुद्र तल में वैक्यूम लगा मछलियां खींच रही हों। कंपनी 2019 से अब तक लाखों दस्तावेज सौंप चुकी है। उन्होंने बताया, ताजा अदालती आदेश के बाद वह अपने सामने मौजूद विकल्पों पर कंपनी विचार कर रही है।
कंपनी साबित नहीं कर सकी मांगा गया डाटा गैरजरूरी : आयोग
जनरल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यूरोप में आयरलैंड स्थित मेटा कंपनी यह नहीं साबित कर पाई कि आयोग की ओर से मांगा गया डाटा व दस्तावेज जांच के लिए जरूरी नहीं है। यह भी कहा कि मेटा द्वारा ‘वर्चुअल डाटा रूम’ में यूजर्स की निजी संवेदनशील जानकारियां क्या संतोषजनक स्तर पर सुरक्षित रखी गई हैं, इतना भी कंपनी बताने में विफल रही। अगर उसे अब कानूनी स्तर पर कोई राहत चाहिए तो वह यूरोप की सर्वोच्च अदालत जाए। दूसरी ओर मेटा ने कहा था कि वर्चुअल डाटा रूम में यूजर्स की निजी मेडिकल फाइल्स जैसी केवल निजी जानकारियां होती हैं।
मेटा में छंटनी का आखिरी दौर, 10,000 की जाएगी नौकरी
फेसबुक का स्वामित्व रखने वाली मेटा ने बुधवार को छंटनी का आखिरी दौर शुरू कर दिया है। कंपनी के मामलों की जानकारी रखने वाले सूत्रों का दावा है कि मार्च में 10,000 लोगों की छंटनी का एलान किया था। इससे पहले अप्रैल में भी 4,000 कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी थी। व्यापक छंटनी के बाद मेटा में कर्मचारियों की संख्या घटकर 2021 के स्तर पर आ गई है।
इससे पहले कंपनी ने 2020 में भारी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती कर कुल कार्यबल को दोगुना किया था। मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने मार्च में छंटनी का एलान करते हुए कहा था कि यह दौर मई में खत्म होगा।