वैश्विक स्तर पर थाइरॉयड की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव के तरीकों के बारे में बताने के उद्देश्य से हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायरॉयड डे मनाया जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है इसलिए इस बारे में जानकारी रखना और इससे बचाव के उपायों का पालन करते रहना सभी के लिए आवश्यक है।

थायरॉयड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और मेटाबॉलिज्म में होने वाली समस्याओं का असर वजन पर पड़ता है। अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) वाले लोगों में आमतौर पर वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
आपकी थायरॉयड ग्रंथि द्वारा रिलीज होने वाला हार्मोन मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे शरीर, ऊर्जा के लिए भोजन का बेहतर तरीके से उपयोग कर पाता है। जब आपका थायरॉयड हार्मोन कम बनाता है तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे में यदि आप कैलोरी बर्न नहीं करेंगे और आपका वजन बढ़ सकता है।

थायरॉयड विकार सिर्फ वजन बढ़ने ही नहीं, वजन घटने का भी कारण बन सकता है। थायरॉयड विकार के एक प्रकार हाइपरथायरायडिज्म जिसमें थायरॉयड ग्रंथि बहुत अधिक हार्मोन रिलीज करने लगता है इसके कारण आपको बहुत ज्यादा वजन कम होने, हाथ कांपने और दिल की धड़कन तेज या अनियमित होने जैसी दिक्कत भी हो सकती है। मतलब वजन बढ़ना और कम होना, दोनों थायरॉयड विकारों से संबंधित हो सकता है।

हालांकि यह मान लेना कि थायरॉयड विकार ही वजन बढ़ने या कम होने का कारण है, यह भी गलत है। वजन बढ़ने के और भी कई कारण होते हैं, सही कारणों को जानना और उसका उपचार किया जाना आवश्यक हो जाता है। वजन तब बढ़ता है जब आपका कैलोरी इंटेक तो अधिक होता है पर शारीरिक गतिविधि के माध्यम से कैलोरी बर्न नहीं कर पाते हैं।
- आनुवंशिकी भी वजन बढ़ने या कम होने का कारण हो सकती है।
- स्वास्थ्य की स्थिति जैसे किसी बीमारी और दवाओं के सेवन के कारण भी वजन बढ़ या कम हो सकता है।
- तनाव और नींद की कमी को भी वजन की समस्याओं से जोड़कर देखा जाता रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, थायरॉयड विकारों से बचाव करके आप वजन को कंट्रोल कर सकते हैं, इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यन रखा जाना चाहिए।
- यदि आप धूम्रपान करने वाले हैं, तो धूम्रपान छोड़ दें।
- आहार में सेलेनियम और आयोडीन की मात्रा का संतुलित सेवन सुनिश्चित करें।
- अपने डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से जांच कराएं।
- यदि आपके परिवार में किसी को पहले से ही थायरॉयड विकार रहा है तो आपमें भी इसका जोखिम हो सकता है, इससे बचाव के बारे में डॉक्टर की सलाह लें।
