तंत्रिका तंत्र का हमारे शरीर की कार्यप्रणाली में विशेष स्थान है। हम जो कुछ भी सोचते हैं, महसूस करते हैं या फिर जो भी कार्य करते हैं वह तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है। यानी कि अगर इनमें किसी तरह की दिक्कत आ जाए तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली पर असर हो सकता है।
नर्वस सिस्टम हमारी इंद्रियों के माध्यम से जानकारी लेता है और पूरे शरीर में उन सूचनाओं को पहुंचाता है जैसे कि आपकी मांसपेशियों को कब हिलाना या आपको दर्द महसूस करना आदि। उदाहरण के लिए यदि आप किसी गर्म चीज को छूते हैं, तो तुरंत हाथ को वापस खींच लेते हैं, यह इसलिए होता है क्योंकि आपकी नसें, आपके मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेज रही होती हैं। अगर तंत्रिकाओं में कोई दिक्कत हो जाए तो ये एहसास होने ही बंद हो सकते हैं जिसके कारण कई तरह की दिक्कतों का जोखिम हो सकता है।
नर्वस सिस्टम में होने वाली समस्याएं
न्यूरोलॉजिकल रोग ऐसी स्थितियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं। आपके तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ वे सभी नसें शामिल हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों में फैली होती हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें से ज्यादातर लाइफस्टाइल की गड़बड़ी के कारण होने वाली दिक्कतें हैं।नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, 600 से अधिक बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इस प्रकार के रोगों को न्यूरोलॉजिक रोग कहा जाता है।