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निरंतरता, कड़ी मेहनत और दृढ़ता ही सफलता का मंत्र, आकाश इंस्टीट्यूट के सीईओ ने खोले टॉपर्स के राज

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जेईई-नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षण संस्थानों में आकाश इंस्टीट्यूट बड़ा नाम है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के खास तरीकों व रणनीतियों की वजह से यह संस्थान जेईई-नीट में नतीजे देने में आगे निकल गया है। अमर उजाला ने आकाश इंस्टीट्यूट के सीईओ अभिषेक माहेश्वरी से बातचीत की। पेश हैं खास अंश…

34 से ज्यादा वर्षों की मज़बूत विरासत के साथ आकाश की शिक्षण पद्धति को समय के साथ बेहतर बनाया गया है। हमारे कोर्स छात्रों में गहन विश्लेषण और समस्या हल करने के कौशल को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इसलिए, 1988 में सिर्फ एक केंद्र और 12 छात्रों के एक छोटे से बैच के साथ शुरू हुए इस इंस्टीट्यूट की आज देशभर में 300 से ज्यादा ब्रांच हैं। नीट और जेईई 2022 में क्वालीफाई करने वाले 93,500 से अधिक आकाशियन्स इसकी गवाही देते हैं कि हमने वर्षों से लगातार उत्कृष्ट परिणाम देने के अपने वादे को पूरा किया है।

जेईई/नीट में सफलता पाने का मंत्र क्या है? परीक्षा के दिन छात्रों की घबराहट को शांत रखने में ‘प्रैक्टिस’ का क्या महत्व है?
ऐसा कोई एक मंत्र नहीं है, जो इन परीक्षाओं में सफलता की गारंटी देता हो। फिर भी, कुछ ऐसे जरूरी तत्व हैं, जो इन परीक्षाओं में सफल होने के लिए मौजूद होने चाहिए। वे हैं…निरंतरता, कड़ी मेहनत और दृढ़ता का संयोजन। नीट और जेईई परीक्षाओं में छात्रों की गति एवं सटीकता दोनों का आकलन होता है। निर्धारित समय में सभी प्रश्नों के सही उत्तर देने का दबाव होता है। इसलिए यहां प्रैक्टिस का बहुत अधिक महत्व है।

छात्र की सफलता में पैरेंट्स क्या भूमिका हैं?
पैरेंट्स की भागीदारी छात्र की सफलता में बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि पैरेंट्स के पास बच्चे के प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए पर्याप्त अवसर हो। नियमित पैरेंट्स-टीचर मीटिंग और काउंसलिंग सेशन होते हैं।

नीट-जेईई की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अच्छे प्रदर्शन के लिए क्या सलाह देंगे?
नीट देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक है। इसमें हर सीट के लिए करीब 16 बच्चे परीक्षा देते हैं। इसमें निगेटिव मार्किंग (प्रत्येक गलत उत्तर के लिए -1) भी होती है। इसलिए, इस परीक्षा में छात्रों को उनकी अब तक की आजमाई रणनीति से भटकना नहीं चाहिए। प्रश्नों के मुख्य शब्दों को गलत समझने जैसी गलती से बचने के लिए उन्हें ठीक से पढ़ने के लिए समय देना चाहिए। बहुत से छात्र ओएमआर शीट भरते समय गलतियां करते हैं। उस समय जरूरी है कि आप शांत रहें और सुनिश्चित करें कि आपके पास उत्तरों को दोबारा पढ़ने के लिए समय बचे।

इन प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी शुरू करने की सही उम्र क्या है?
कक्षा 8, 9 और 10 में छात्र उन अवधारणाओं से रुबरु होने लगते हैं, जिन्हें बड़ी कक्षाओं में विस्तार से पढ़ाया जाएगा। इसलिए, शुरुआत में ठोस नींव रखना महत्वपूर्ण है ताकि बाद में जब छात्रों को अधिक जटिल अवधारणाओं का सामना करना पड़े तो वे उन्हें आराम से समझ सकें। हमारे फाउंडेशन कोर्सेस का उद्देश्य इन्हीं अवधारणाओं को मजबूत करने में मदद करना है। आकाश बायजू के फाउंडेशन कोर्सेस ‘इंटीग्रेटेड’ दृष्टिकोण का पालन करते हैं।

क्या आकाश बायजू मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देता है?
हमारे छात्रवृत्ति प्रोग्राम्स में आकाश नेशनल टैलेंट हंट एग्जामिनेशन (एएनटीएचई) और आईएसीएसटी हैं। एएनटीएचई साल में एक बार होने वाली अखिल भारतीय छात्रवृत्ति परीक्षा है। वहीं, आईएसीएसटी इंस्टेंट छात्रवृत्ति परीक्षा है। इसमें 90 फीसदी तक छात्रवृत्ति मिल जाती है।

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