सूत्रों ने बताया, रुपे डेबिट कार्ड और मजबूत करने की जरूरत है। एनपीसीआई इस दिशा में काम कर रहा है, जिससे रुपे कार्ड के उपयोगकर्ता वीजा या मास्टरकार्ड का इस्तेमाल करने वालों के बराबर पहुंच सकें।”
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) रुपे डेबिट कार्ड की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए और गठजोड़ करने के लिए प्रयास कर रहा है।सूत्रों ने बताया, रुपे डेबिट कार्ड और मजबूत करने की जरूरत है। एनपीसीआई इस दिशा में काम कर रहा है, जिससे रुपे कार्ड के उपयोगकर्ता वीजा या मास्टरकार्ड का इस्तेमाल करने वालों के बराबर पहुंच सकें।”रुपे ने मार्च, 2012 में भारतीय नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय सेवाएं देने के लिए डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज से गठजोड़ किया था। जुलाई, 2019 में जेसीबी इंटरनेशनल कंपनी लि. के साथ मिलकर रुपे जेसीबी ग्लोबल कार्ड पेश करते हुए अपनी नेटवर्क क्षमताएं मजबूत की हैं।
रुपे कार्ड यहां स्वीकार्य
रुपे कार्ड इस समय डिस्कवर ऑफ द यूएस, डाइनर्स क्लब, जेसीबी ऑफ जापान, पल्स और यूनियन पे ऑफ चाइना समर्थित बिक्री मशीनों (पीओएस) पर स्वीकार किए जाते हैं।
रुपे जेसीबी ग्लोबल कार्ड का उपयोग भारत में रुपे कार्ड स्वीकार करने वाले केंद्रों पर और देश से बाहर जेसीबी कार्ड स्वीकार करने वाले केंद्रों पर पीओएस, ई-कॉमर्स व एटीएम के लिए किया जा सकेगा।
नीदरलैंड बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक भागीदार
नई दिल्ली। अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के बाद नीदरलैंड भारत का तीसरा बड़ा निर्यातक देश बन गया है। पिछले वित्त वर्ष में भारत से नीदरलैंड को पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों, केमिकल और अल्यूमिनियम जैसे सामानों का ज्यादा निर्यात हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, नीदरलैंड के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस 2022-23 में 13 अरब डॉलर रहा है जो 2021-22 में 8 अरब डॉलर था। नीदरलैंड ने इस दौरान यूके, हांगकांग, बांग्लादेश और जर्मनी को भारत के साथ कारोबार में पीछे छोड़ा है। भारत से नीदरलैंड को 2022-23 में निर्यात 48% बढ़कर 18.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया।