पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल की पैदावार में सुधार हुआ है। मार्च-अप्रैल अवधि में कटाई के चरण के दौरान बेमौसम बारिश से अनाज की चमक में कमी व अनाज में नमी की अधिकता के कारण नुकसान हुआ है।
देश में फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में उत्पादन सरकार के रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन के अनुमान को पार कर सकता है। कृषि आयुक्त पीके सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि खराब मौसम के कारण देश के कुछ हिस्सों में अनाज की गुणवत्ता प्रभावित होने के बावजूद प्रमुख उत्पादक राज्यों में पैदावार बढ़ने से उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है।सिंह ने कहा, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल की पैदावार में सुधार हुआ है। मार्च-अप्रैल अवधि में कटाई के चरण के दौरान बेमौसम बारिश से अनाज की चमक में कमी व अनाज में नमी की अधिकता के कारण नुकसान हुआ है।सरकार ने फरवरी में अपने दूसरे अनुमान में 2022-23 में गेहूं उत्पादन 11.21 करोड़ टन रहने की संभावना जताई थी। पिछला रिकॉर्ड 2020-21 में 10.95 करोड़ टन था।
गेहूं की जलवायु अनुकूल किस्मों से पैदावार सुधरी
सिंह ने कहा, जलवायु अनुकूल गेहूं की किस्मों से पैदावार में सुधार हुआ है। इन किस्मों को सरकार पांच वर्षों से बढ़ावा दे रही है। हालांकि, बेमौसम बारिश ने गेहूं उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्सों में फसल को नुकसान पहुंचाया है। इससे गुणवत्ता में कमी आई है। कुछ राज्यों में लू से पिछले साल उत्पादन मामूली घटकर 10.77 करोड़ टन रहा था।