जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत को उन देशों को एक समान मैदान नहीं देना चाहिए जो अपने उत्पादों को सब्सिडी देते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का विकास चीन की दक्षता पर नहीं किया जा सकता है। घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने देने के लिए मजबूती के साथ आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि व्यवसायों को भी चीन पर निर्भरता खत्म करने की जरूरत है‘मेड इन इंडिया : 75 इयर्स ऑफ बिजनेस एंड एंटरप्राइजेज’ नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी बड़ा देश नहीं है जिसने विनिर्माण क्षेत्र का निर्माण किए बिना अपनी वैश्विक स्थिति को बनाए रखा या बढ़ाया है। भारत को भी इसी पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इस पुस्तक के लेखक जी20 के शेरपा अमिताभ कांत हैं।जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत को उन देशों को एक समान मैदान नहीं देना चाहिए जो अपने उत्पादों को सब्सिडी देते हैं। भारत को देश में घरेलू व्यवसायों की कीमत पर दूसरों के व्यवसायों को लाभ उठाने का मौका नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार डीप विनिर्माण आपूर्ति शृंखला के निर्माण को प्राथमिकता देती है और मेक इन इंडिया केवल एक आर्थिक या विनिर्माण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कार्यक्रम है।उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह देश कभी महान देश नहीं होगा यदि यह महान निर्माता नहीं है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे समझने की हमें जरूरत है। अगर हमें अपनी अर्थव्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाना है तो हमें एक प्रकार की घरेलू विक्रेता शृंखला बनानी होगी, जैसा एक गंभीर विनिर्माण अर्थव्यवस्था बनाएगी।