उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बुधवार को बताया कि 8 क्षेत्रों में काफी अच्छा काम हो रहा है। अन्य क्षेत्रों को और ज्यादा काम करना होगा।
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सरकार ने मार्च, 2023 तक 2,874 करोड़ जारी किए हैं। इसमें सर्वाधिक रकम 8 क्षेत्रों को दी गई है, जिनसे 3,420.05 करोड़ के प्रोत्साहन दावे मिले थे। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को सबसे ज्यादा 1,649 करोड़ का प्रोत्साहन मिला है।
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बुधवार को बताया कि 8 क्षेत्रों में काफी अच्छा काम हो रहा है। अन्य क्षेत्रों को और ज्यादा काम करना होगा। अगले दो-तीन साल महत्वपूर्ण होंगे। यह योजना घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2020 में शुरू की गई थी। 14 क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन पर 1.97 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
फार्मा और दूरसंचार समेत इन क्षेत्रों को भी प्रोत्साहन
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के अलावा फार्मा (652 करोड़ रुपये), खाद्य उत्पाद (486 करोड़ रुपये), दूरसंचार (35 करोड़ रुपये), ड्रोन (30 करोड़ रुपये), चिकित्सा उपकरण (12.8 करोड़ रुपये) और थोक दवाएं (4.34 करोड़ रुपये) क्षेत्र को भी लाभ मिला है।
तीन लाख से ज्यादा रोजगार का हुआ सृजन
राजीव ने बताया कि दिसंबर, 2022 तक 14 क्षेत्रों की कंपनियों से कुल 717 आवेदनों को मंजूरी मिली थी। इससे 2.74 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। लेकिन, वास्तव में 53,500 करोड़ रुपये का ही निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन हुआ है। तीन लाख से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है।