Akshaya Tritiya 2023 Shubh Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस शुभ दिन को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को अक्ती या परशुराम जयंती के रूप में भी जाना जाता है और इसे एक अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है जो हिंदू और जैन धर्म दोनों के भक्तों के लिए विशेष है। “अक्षय” एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ अनंत या कुछ ऐसा है जो अंतहीन है। यही कारण है कि यह दिन लोगों के लिए अनंत सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। इसलिए, लोग सभी नई परियोजनाओं को शुरू करने की कोशिश करते हैं, चाहे वह व्यवसाय हो, नई नौकरी हो, नए घर में जाना हो। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन बनने वाले शुभ योग और सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त और इस दिन के महत्व के बारे में।
अक्षय तृतीया तिथि
वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि आरंभ: 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 07: 49 मिनट से
वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि समाप्त: 23 अप्रैल, रविवार, प्रातः 07:47 मिनट पर
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त: 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 7: 49 मिनट से दोपहर 12: 20 मिनट तक
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त: 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 07: 49 मिनट से 23 अप्रैल प्रातः 7: 47 मिनट तक
अक्षय तृतीया पर शुभ योग
सौभाग्य योग- 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 09: 26 मिनट से 23 अप्रैल, रविवार, प्रातः 8 : 22 मिनट तक
त्रिपुष्कर योग- 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 5: 49 मिनट से प्रातः 7: 49 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- 22 अप्रैल शनिवार, प्रातः 11:24 मिनट से 23 अप्रैल, प्रातः 5: 48 मिनट तक
रवि योग- 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 11: 24 मिनट से 23 अप्रैल, प्रातः 5: 48 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग- 22 अप्रैल, शनिवार प्रातः 11: 24 मिनट से 23 अप्रैल प्रातः 5: 48 मिनट तक.
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग की शुरुआत इसी पवित्र दिन से हुई थी। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर-परिवार में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन जरूरत मंदों को को कपड़े, भोजन और अन्य जरूरत का सामान वितरित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।