एसटीएफ को इसके पुख्ता सुराग उमेश पाल हत्याकांड के बाद कुछ कॉल रिकॉर्डिंग से मिले हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रयागराज के निकट कौशांबी में निर्माणाधीन सॉलिटियर वैली टाउनशिप में अतीक के भाई अशरफ की काली कमाई निवेश होने के प्रमाण भी एसटीएफ को मिले हैं।
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हीरा खदान मालिक के साथ माफिया अतीक अहमद की अदावत चल रही थी। अतीक ने अपनी काली कमाई को हीरा कारोबारी के पास निवेश किया था जिसके हिसाब को लेकर कुछ माह पूर्व दोनों के बीच दुश्मनी हो गयी थी। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद एसटीएफ के राडार पर हीरा खदान कारोबारी आ चुका है। इसके अलावा दिल्ली के शाहीनबाग इलाके में अतीक की बेनामी संपत्तियाें के मालिक, कौशांबी में बन रही टाउनशिप में अशरफ की पार्टनरशिप से जुड़े तमाम पहलुओं को भी खंगाला जा रहा है। एसटीएफ अतीक और अशरफ के उन सभी करीबियों पर नजर बनाए हैं, जिनको माफिया भाईयों की मौत से बड़ा फायदा पहुंचा है।
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक अतीक ने दिल्ली में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के गढ़ माने जाने वाले शाहीनबाग इलाके में कई बेशकीमती संपत्तियों में निवेश किया था। ये संपत्तियां बेनामी थी जिनका लाखों रुपये किराया हर महीने अतीक को भेजा जाता था। इस रकम को हर महीने शाहीनबाग में रहने वाला एक युवक प्रयागराज लेकर आता था और शाइस्ता परवीन को सौंप देता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब एसटीएफ को इस युवक के बारे में पता चला तो उसे शाहीनबाग से दबोच लिया गया। उसने पूछताछ में असद के दिल्ली आने समेत अतीक से जुड़े कई अहम राज कबूल दिए जिससे एसटीएफ को असद और शूटर गुलाम को तलाशने में खासी मदद मिली।
टाउनशिप में लगा अशरफ का पैसा
एसटीएफ को इसके पुख्ता सुराग उमेश पाल हत्याकांड के बाद कुछ कॉल रिकॉर्डिंग से मिले हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रयागराज के निकट कौशांबी में निर्माणाधीन सॉलिटियर वैली टाउनशिप में अतीक के भाई अशरफ की काली कमाई निवेश होने के प्रमाण भी एसटीएफ को मिले हैं। अतीक और अशरफ की हत्या से अशरफ का पैसा निवेश करने वाले को करोड़ों रुपये का फायदा होने के मद्देनजर इस पहलू की पड़ताल भी हो रही है।
पिस्टल के जरिए भी तलाश रहे सुराग
अतीक और अशरफ की हत्या में जिस तुर्की मेड जिगना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया, उसके जरिए भी वारदात के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है। प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ प्रदेश के उन माफिया और अपराधियों को चिन्हित कर रही है, जिन्होंने तमाम वारदातों में इस पिस्टल का इस्तेमाल किया है। साथ ही, कुछ असलहा तस्करों को भी टटोला जा रहा है कि बीते कुछ दिनों के भीतर किसने जिगना पिस्टल को खरीदा है।