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कानपुर ‘लॉकर डकैती’: गुमराह कर रहा था शातिर, कबाड़ में छिपा रखे थे गहने, पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया

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 बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर से डेढ़ करोड़ के गहने चोरी होने के मामले में 115.700 ग्राम सोने के और गहने मिले हैं। शातिर पुलिस को गुमराह करता रहा। उसने कबाड़ में गहने छिपा रखे थे। पुलिस ने आरोपी लॉकर कंपनी के कर्मचारी को रिमांड पर लिया है।

कानपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा, किदइर्वनगर के-ब्लॉक में लॉकर तोड़कर दो करोड़ के गहने चोरी करने के मामले में बुधवार को पुलिस ने जेल भेजे गए लॉकर कंपनी के कर्मचारी की पुलिस कस्टडी रिमांड ली। कोर्ट से 12 घंटों के लिए मिली कस्टडी रिमांड के दौरान शातिर पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा।

इस बीच पुलिस को उसके घर में कबाड़ में छिपे करीब सात लाख रुपये के गहने और मिले। पुलिस उससे घंटों पूछताछ करती रही, लेकिन और कुछ नहीं उगलवा सकी। बैंक ऑफ बड़ौदा में बसंत विहार निवासी रमा अवस्थी का लॉकर था। उनके लॉकर से करीब डेढ़ करोड़ के गहने चोरी हो गए थे।

नौबस्ता थाना पुलिस ने बैंक प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्जकर जांच शुरू की थी। पता चला कि लॉकरों की मरम्मत करने के लिए बुलाए गए अनवरगंज निवासी लॉकर कंपनी के कर्मचारी रोहित शुक्ला ने बैंक की लापरवाही का फायदा उठाते हुए रमा अवस्थी का लॉकर तोड़कर गहने चुरा लिए थे। 

पुलिस बाकी गहने बरामद करने का दिया आश्वासन
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर करीब दो करोड़ के गहने उसके पास से बरामद किए थे। इस बीच रमा अवस्थी की बेटी श्रद्धा शुक्ला ने पुलिस को बताया था कि बरामद गहनों में उनके हीरे और कुछ सोने के अन्य गहने नहीं हैं, जिन्हें बरामद करने का आश्वासन दिया गया था।

पुलिस को पूछताछ में करता रहा गुमराह
पुलिस ने कर्मचारी को जेल भेजकर गहने बरामद करने के लिए कोर्ट से रिमांड मांगी थी। बुधवार को कोर्ट ने उन्हें मंजूरी दी। पुलिस रोहित को थाने लेकर पहुंची काफी देर तक पूछताछ करते रही, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। इस पर एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय उसे फोर्स के साथ अनवरगंज स्थित घर लेकर पहुंचे।

115.700 ग्राम के गहने हुए बरामद 
फोर्स ने घर में अलमारी, बिस्तरों, बेड से लेकर हर जगह खंगाला, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। आरोपी लगातार बोलता रहा कि अब घर में कुछ नहीं बचा है। तभी एसीपी को घर के एक कोने में स्टोर रूम नजर आया, जिसमें पूरे घर का कबाड़ भरा पड़ा था। चेक कराया गया, तो एक झोले में 115.700 ग्राम सोने के और गहने बरामद हुए।

विवेचक बोले- जेल में मिल गया है दिमाग
गहने देखते ही रोहित के चेहरे का रंग उड़ गया। श्रद्धा ने हीरे के गहने भी होने की बात बताई थी। इस आधार पर पुलिस उससे घंटों पूछताछ करती रही, लेकिन उसने अपना मुंह नहीं खोला। विवेचक रामआसरे त्रिपाठी ने बताया कि जेल में उसे कुछ लोगों ने दिमाग दे दिया है, जिससे वह कुछ भी नहीं बता रहा है।

पुलिस बोली- किसी ज्वेलर्स को भी बेचे हैं गहने
पुलिस को आशंका है कि उसने काफी मात्रा में गहने किसी ज्वेलर्स को भी बेचे हैं, लेकिन इस संबंध में पुलिस उससे कुछ उगलवा नहीं सकी। एसीपी अभिषेक पांडेय के अनुसार वह बीते 10 सालों से लॉकर कंपनी में काम कर रहा था। ऐसे में उसने जिले में शायद ही किसी बैंक की शाखा में लॉकर मरम्मत का काम नहीं किया होगा।

गहनों की पीड़ितों से नहीं कराई गई पहचान
पीड़ित रमा अवस्थी और उनकी बेटी श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि पुलिस ने अन्य जो गहने कर्मचारी के घर से बरामद किए हैं, उनकी अभी तक उनसे पहचान नहीं कराई गई है। श्रद्धा के अनुसार उनके हीरे और सोने के भारी गहने पुलिस पूर्व में बरामद नहीं कर सकी थी।

एसीपी बोले- दोबारा पीसीआर के लिए होगा प्रयास
उन गहनों का रोहित ने क्या किया, यह तक पुलिस पता नहीं लगा सकी। वहीं, यदि बरामद गहने पीड़ितों के नहीं निकलते हैं तो साफ हो जाएगा कि रोहित ने इसके पहले भी लॉकर तोड़कर गहने चोरी करने की कई अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया है। एसीपी के अनुसार कुछ समय बाद कर्मचारी की दोबारा पीसीआर के लिए प्रयास किया जाएगा।

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