बुधवार की दोपहर जिस जगह पर असद का एनकाउंटर हुआ वहां पांच-छह ग्रामीण ही मौजूद थे, जो अपनी बकरियां चराने वहां गए हुए थे। अचानक इलाके के सन्नाटे को चीरती हुई कई राउंड गोलियों की आवाज आई। आवाज सुनकर ग्रामीण सहम गए थे।
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद का बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया। झांसी में एसटीएफ ने उसे ढेर किया। उमेश पाल की हत्या के बाद से वह फरार चल रहा था। झांसी-कानपुर हाईवे से सटकर पारीछा बांध की ओर जाने वाला कच्चा रास्ता बुधवार की दोपहर अचानक गोलियों तड़तड़ाहट से गूंज उठा।
अचानक गोलियों की आवाज सुनकर आसपास काम कर रहे ग्रामीण भयभीत हो गए। हालांकि, इसके कुछ देर बाद एक के बाद एक पुलिस की गाड़ियों की घटनास्थल की ओर आवाजाही शुरू हो गई। इसके बाद ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। तब जाकर साफ हुआ कि पुलिस ने एनकाउंटर किया है और इसमें अतीक का बेटा असद और शूटर गुलाम मारा गया है।
पारीछा थर्मल पावर प्लांट के पास से दो रास्ते पारीछा बांध की ओर जाते हैं। एक रास्ता पक्का है, ज्यादातर लोग बांध की ओर जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। जबकि, दूसरा रास्ता कच्चा है। इसका इस्तेमाल दिन भर में इक्का-दुक्का ग्रामीण ही करते हैं। इसके अलावा कभी कभार इस रास्ते से थर्मल प्लांट की राख से भरे ट्रकों की आवाजाही होती है। यही वजह है कि पूरा रास्ता राख से पटा हुआ है। किसी भी गाड़ी के निकलने पर राख का गुबार उठ जाता है।
बुधवार की दोपहर इस जगह पर पांच-छह ग्रामीण ही मौजूद थे, जो अपनी बकरियां चराने वहां गए हुए थे। अचानक इलाके के सन्नाटे को चीरती हुई कई राउंड गोलियों की आवाज आई। आवाज सुनकर ग्रामीण सहम गए थे। काफी देर बाद ग्रामीणों को पता चला कि यहां एनकाउंटर हुआ है। इसके बाद यह खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई।
घटनास्थल पारीछा के अलावा बड़गांव, चिरगांव से भी लोग पहुंचने लगे। इसके अलावा मीडिया कर्मियों की गाड़ियां घटनास्थल की ओर दौड़ने लगीं। सन्नाटे के आगोश में रहने वाले इस इलाके में तेजी से लोगों की आवाजाही बढ़ गई। यह स्थिति घटना के तीन-चार घंटे बाद तक बनी रही।