जिले में पहली बार स्वयं सहायता समूह द्वारा गोबर के कंडे बनाने का कार्य शुरू किया गया है। जिससे समूह से जुड़ी महिलाओं के आय में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गो आश्रय स्थल परजीपाह से निर्मित गोबर के कंडे की आपूर्ति जनपद में प्रथम बार श्मशान घाट पर की गई। गोबर से कंडे बनाने का कार्य जनपद मे पहली बार बन्दना स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रारम्भ किया गया।
इसे स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए गोबर के कंडे का प्रयोग शमशान घाट पर शव जलाने के लिए किया जायेगा। बताया जा रहा है कि इस कार्य से जहाँ समूह की महिलाओं के आय में वृद्धि हो रही है वहीं लकड़ी की बचत भी होगी।
इस संबंध में स्वतः रोजगार के उपायुक्त गोपाल कृष्ण चौधरी द्वारा बताया गया कि कंडे बनाने की एक एक मशीन हर विकास खण्ड मे स्थित गो आश्रय स्थल में समूह के माध्यम से लगायी जाएगी। सभी कंडे की आपूर्ति शमशान घाट पर की जाएगी।
बाकायदा होगा अनुबंध
इस कार्य से समूहों को काफी लाभ मिलेगा। पूर्व में दो समूहों, गो आश्रय संचालक एवं शमशान घाट के ठेकेदार के मध्य अनुबंध किया गया है। इसके द्वारा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की इनकम तो बढ़ेगी ही, गोवंश से निकलने वाले गोबर का सदुपयोग भी हो सकेगा।