फ्रांस में गुरुवार को मैक्रों सरकार का पेंशन सुधार बिल पास हो गया। इसके तहत रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ाकर 64 कर दी गई है। फ्रांस की नेशनल असैंबली में प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया। इसके बाद पूरे देश में बिल के खिलाफ सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए।
फ्रांस में PM ने आर्टिकल 49.3 का इस्तेमाल किया जिसके तहत बहुमत न होने पर सरकार के पास बिना वोटिंग के बिल पास कराने का अधिकार है। इसके बाद विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने इमानुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। उन्होंने कहा- सरकार ने स्पेशल पावर का इस्तेमाल करके बिल पारित करवाया। ये सबूत है कि वो कितने कमजोर हैं। प्रधानमंत्री बॉर्न को इस्तीफा दे देना चाहिए।
23 मार्च को हड़ताल पर कई फ्रेंच यूनियन
बिल पास होने के ठीक बाद करीब 7 हजार लोग पेरिस में प्लेस डे ला कॉनकॉर्ड पब्लिक स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और करीब 120 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने संसद के सामने विरोध कर रहे लोगों को हटाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा फ्रांस के कई शहरों में भी लगातार प्रदर्शन जारी है। 23 मार्च को कई फ्रेंच यूनियन ने हड़ताल की घोषणा की है।
‘175 घंटे डिबेट को बेकार नहीं होने दे सकते’
गुरुवार को फ्रांस में संसद की कार्यवाही शुरू हुई। अपर हाउस में 119-114 वोट के अंतर से पेंशन सुधार बिल पास हो गया। इसके बाद नेशनल असेंबली की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बिल के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। ये देखते हुए वोटिंग शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 49.3 इस्तेमाल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा- ये बिल देश के लिए बेहद जरूरी है। हम ये नहीं देख सकते कि 175 घंटों तक डिबेट होने के बाद मेहनत बेकार हो जाए। इसके बाद कई सांसदों ने PM के इस्तीफे की मांग की।
क्या है पेंशन सुधार बिल?
प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने बताया कि नई पेंशन योजना के प्रस्तावों के तहत 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था। इसके विरोध में पेरिस समेत 200 शहरों में प्रदर्शन हुए।
सरकार इसे फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बता रही है। सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपियन कंट्रीज ने रिटायरमेंट एज बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है। स्पेन में ये 65 साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है।
5 तस्वीरों में देखिए पेंशन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
विरोध में 68% लोग
फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन प्रणाली की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बताई जा रही इस योजना को लोगों ने नकार दिया है। IFOP पोल के मुताबिक, 68% लोग इस योजना का विरोध कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि ज्यादा सालों तक काम करने की वजह से उनके उम्र कम हो जाएगी और वो जल्दी मर जाएंगे।