प्रयागराज के सामूहिक विवाह में अवैध वसूली की गई। निकाह करवाने वाले मौलवियों ने सर्टिफिकेट के लिए 500-500 रुपए लिए। मंत्री और अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल, सोमवार को परेड ग्राउंड में सामूहिक विवाह 1126 जोड़ों की शादी हुई। इसमें 18 मुस्लिम जोड़े थे, जिनका निकाह कराया गया। 6 मौलवियों ने इन जोड़ों का निकाह कराया। इसके बाद मौलवी ने सभी दूल्हा-दुल्हन को प्रमाण पत्र देने के लिए बुलाया।
प्रमाण पत्र के लिए मौलवी ने की अवैध वसूली
मौलवी ने सभी से 500-500 रुपए जमा करने को कहा। मौलवी ने कहा कि रुपए देने के बाद ही प्रमाण पत्र मिलेगा। कुछ लोगों से तो रुपए लेकर सर्टिफिकेट दे दिया, लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध किया।
एक महिला ने कहा- ”साहब, गलत न करिए, 200 रुपए ही लीजिए। हम गरीब हैं, तभी तो यहां शादी करने के लिए आए हैं।” इसके बाद मौलवी ने 500 रुपए का नोट वापस किया। फिर महिला ने 200 रुपए दिए। इसके बाद मौलवी ने सर्टिफिकेट दिया।
मंत्री बोले- जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
मामले की जानकारी पर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि मौलवी ने रुपए क्यों लिए, इसकी जांच कराई जाएगी। समारोह में दूल्हा-दुल्हन की ओर से कोई भी शुल्क नहीं देय था।
वहीं, डीएम ने संजय कुमार खत्री ने कहा कि जिन मौलवियों ने परिवार वालों से रुपए लिए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसकी जांच कराई जाएगी। यहां प्रमाण पत्र के नाम पर कोई रुपए लेने का प्रावधान नहीं था।