कानपुर में दबंगों की पिटाई से घायल युवक की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। परिवार वालों ने बीच सड़क पर शव रखकर 3 घंटे तक प्रदर्शन किया। सैकड़ों लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। पीड़ित परिवार आरोपियों पर कार्रवाई के साथ ही थानेदार को सस्पेंड करने की मांग को अड़े रहे। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह से मामला शांत कराया।
मामला क्या है, सबसे पहले इसे पढ़िए…
सड़क पर शराब पी रहे थे दबंग
सचेंडी थाना क्षेत्र के भौती निवासी अमित कुमार द्विवेदी (40) होली के दिन भौती गंभीरपुर निवासी बहन मिथिलेश को वैन से घर छोड़ने जा रहे थे। उनके साथ में पत्नी रिचा और बेटियां भी थी। बहन के घर के पास इलाके के दबंग रतन मंडल, जतन मंडल और सिद्धार्थ मंडल समेत 10 से 15 लोग बीच सड़क गाड़ियां लगाकर शराब पी रहे थे। अमित ने इस बात को विरोध किया।
लाठी-डंडा लेकर घर पर बोला हमला
दोनों की बहस हो गई लेकिन इलाके के लोगों ने छुड़ा दिया। इससे झल्लाए वहां शराब पी रहे दबंगों ने कुछ देर बाद बहन के घर पर हमला बोल दिया। घर के मौजूद अमित को खींचकर मारपीट शुरू की तो बहनोई नवल, बहन मिथिलेश और भांजा कमल किशोर समेत अन्य ने विरोध किया।
इसके बाद दबंगों ने परिवार के एक-एक सदस्य को खींचकर लाठी-डंडों से जमकर पीटा। इतना ही नहीं आरोप है कि महिलाओं को भी पीटा, छेड़खानी की और इसके बाद बाहर खड़ी वैन को भी तोड़ दिया और भाग निकले।
थानेदार पर आरोपियों से साठगांठ का आरोप
मामले की जानकारी मिलने पर सचेंडी थाने की पुलिस मौके पर जांच करने आई थी, लेकिन आरोप है कि थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने आरोपियों से साठगांठ करके कोई कार्रवाई नहीं की। सिर्फ शांतिभंग में चालान करने के साथ ही एनसीआर दर्ज कर थी। पीड़ित परिवार ने थानेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
सड़क पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन
इसके बाद से अमित का शारदा नगर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा था। सोमवार शाम को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इससे अक्रोशित परिजनों ने गुरुदेव पैलेस शारदा नगर से नौ नंबर क्रॉसिंग पर जाने वाली सड़क पर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत और आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर पुलिस ने जाम खुलवाया।
थानेदार को सस्पेंड करने की मांग
पीड़ित परिवार ने कहा कि जानलेवा हमला होने के बाद थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने सिर्फ एनसीआर दर्ज की थी। मारपीट में एक दो नहीं बल्कि पूरा परिवार घायल है। इसके बाद भी थाना प्रभारी ने कोई सुनवाई नहीं की। जबकि एक-दो नहीं इलाके के सभी लोग गवाही देने को भी तैयार थे। आरोपियों की 24 घंटे के भीतर अरेस्टिंग के साथ थानेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
थानेदार पर लापरवाही का आरोप
एडीसीपी वेस्ट लाखन यादव ने बताया कि मामले में पहले एनसीआर दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में मेडिकल के आधार पर धाराएं बढ़ा दी गई थी। आरोपियों की अरेस्टिंग के लिए टीम गठित की गई है। इसके साथ ही थानेदार पर लगे आरोप की भी जांच की जा रही है।