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कानपुर में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री करेंगे कथा:10 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान, शहर में नहीं मिल रही इतने बड़े आयोजन को जगह

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अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कानपुर में कथा करने आ रहे हैं। 17 से 21 अप्रैल वह कानपुर में रहकर कथा करेंगे। करीब 10 लाख भक्तों की भीड़ जुटने का अनुमान है। इसके चलते कानपुर शहर के भीतर कोई भी इतनी बड़ी जगह नहीं मिल पा रही है। जहां पर यह आयोजन किया जा सके। सचेंडी थाने के पास 35 बीघा खाली पड़ी जमीन पर आयोजन कराने पर विचार प्रस्तावित है।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को स्मृति चिह्न देने के साथ ही कथा का आमंत्रण देते हुए आयोजन सुनील शुक्ला।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को स्मृति चिह्न देने के साथ ही कथा का आमंत्रण देते हुए आयोजन सुनील शुक्ला।

पहली बार कानपुर पहुंच रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री
राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी गौसेवा संघ कानपुर के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील शुक्ला की ओर से कथा का आयोजन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री 17 से 21 अप्रैल 2023 तक पांच दिवसीय हनुमंत कथा करने कानपुर आ रहे हैं। इसके लिए अभी तक सचेंडी थाने के पास आयोजन कराने का प्रस्ताव रखा गया है। जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी से मिलकर आयोजन की अनुमति मांगी गई है। क्योंकि शहर के भीतर कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पर 10 लाख की भीड़ को जुटाया जा सके। इसके चलते शहर के आउटर स्थित सचेंडी में कथा का आयोजन प्रस्तावित है। आयोजन से संबंधित पूरी जानकारी देने के लिए रविवार को कानपुर प्रेस क्लब में आयोजक एक प्रेस वार्ता करेंगे।

कथा सुनने को कानपुर के लोगों में उत्साह
कानपुर में कथा कहने के लिए पहली बार बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री कथा करने पहुंच रहे हैं। अक्सर चर्चा में रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री को सुनने के लिए लोगों में उत्साह भी है। कार्यक्रम को लेकर समय देने के साथ ही धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो भी जारी करते हुए कानपुर के कार्यक्रम की जानकारी दी है।

शहर के भीतर नहीं मिली जगह
कानपुर के भीतर निराला नगर रेलवे ग्राउंड से लेकर, बृजेंद्र स्वरूप पार्क, मोतीझील, फूलबाग, हाईवे सिटी के पास और करीब एक दर्जन जगह पर आयोजकों ने सर्वे किया। लेकिन, किसी भी जगह डेढ़ से दो लाख लोगों से ज्यादा के बैठने की जगह नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद आयोजकों ने फैसला लिया कि वह कानपुर आउटर के सचेंडी थाना के बगल खाली पड़ी 35 बीघा जमीन पर कथा का आयोजन कराएंगे। इससे कि शहर के भीतर यातायात से लेकर अन्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हो और भक्त भी आसानी से कथा तक पहुंच सकें।

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