औरैया में दो परिवार में 25 साल से चली आ रही दुश्मनी ने एक बार फिर वर्चस्व की जंग का खूनी रूप ले लिया। सोमवार रात को पुरानी दुश्मनी में दो हत्याएं हो गईं। एक गुट के शख्स ने शिक्षामित्र को राइफल से उस समय भून डाला जब वह गांव में तेरहवीं संस्कार में खाना खा रहा था। इसके बाद, गोली मारने वाले की गांव के लोगों ने दौड़कर ईंटों, लाठी-डंडों से पीट पीटकर हत्या कर दी। दोहरे हत्याकांड से एक बार फिर औरैया थर्रा गया।
। शहर से 5 किमी. दूर बसे इस गांव में चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। पुलिस और पीएसी का पहरा है। गांव का कोई भी व्यक्ति किसी के बारे में खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने दोनों परिवारों की रंजिश के बारे में बताया। पुलिस की सिक्योरिटी देखकर मारे गए दोनों के घर का पता अपने आप मिल जा रहा है। उन घरों में सन्नाटा, सिर्फ चीख पुकार और पुलिस सिक्योरिटी है।
पहले जानते हैं सोमवार को हुए दोहरे हत्याकांड के बारे में
ये दोहरा हत्याकांड कोतवाली क्षेत्र के गांव भीखापुर के मजरा बरीपुर माफी में हुआ। सोमवार को गांव में तेरहवीं कार्यक्रम में दो पुराने दुश्मन शिक्षामित्र रामवीर राजावत (50) व बबलू सेंगर (42) आए थे। रामवीर राजावत ने बबलू के कंधे पर रायफल देख कर उस पर टिप्पणी कर दी, “ऐसे लोग भी अब तीर कमान लेकर चलने लगे हैं।”
ये बात बबलू को नागवार गुजरी। बबलू ने गुस्से में आकर रामवीर के सिर से सटाकर गोली मार दी। उसके बाद एक-एक कर चार गोलियां उसके सीने और पीठ पर दाग दीं। रामवीर की मौके पर मौत हो गई। इसके बाद, बबलू वहां से भागने लगा। इतने में रामवीर के साथियों ने बबलू को दौड़ा लिया और लाठी-डंडों और ईंटों से सिर कूचकर हत्या कर दी। दो हत्याओं से तेरहवीं कार्यक्रम में भगदड़ मच गई। आईजी और एसपी समेत पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। जहां पर रामवीर की हत्या हुई वहां पर 315 बोर के 4 खाली कारतूस और जहां बबलू सेंगर की हत्या हुई वहां पर 8 खाली कारतूस मिले हैं। साथ ही रायफल की बट का टुकड़ा भी मिला है। दोनों गुटों के एक-एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानिए कैसे 25 साल से सुलग रही थी बदले की आग
दरअसल, क्षत्रिय बाहुल्य गांव भीखापुर में रामवीर राजावत व बबलू सेंगर के परिवार में वर्चस्व की लड़ाई थी। रामवीर का भाई फौजी कमल दबंग किस्म का था। वह गांव का प्रधान भी था। गांव में वैसे तो क्षत्रिय बिरादरी के सेंगर अधिक हैं, राजावत परिवार कम हैं। लेकिन कमल की दबंगई के आगे वर्चस्व रामवीर राजावत का ही था। बबलू सेंगर का एक भाई पप्पू भी फौजी था। ऐसे में दोनों परिवार एक दूसरे से किसी को कम नहीं समझते थे।
साल था 1993, जब कमल कहीं जा रहा था और उस पर हमला हुआ। एक गोली उसके पेट में लगी। इलाज में कमल बच गया और बबलू के परिवार के पप्पू, जगमोहन व वीर सिंह पर हत्या के प्रयास (307 आईपीसी) के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ। ये मामला चल ही रहा था कि चार साल बाद 1997 को होली के दिन गांव में हुड़दंग हो रही थी। यहां दोनों पक्ष हवाई फायरिंग कर रहे थे।
बबलू के भाई पप्पू को होली के हुड़दंग में लगी गोली
बताया जा रहा है कि ताबड़तोड़ कई राउंड गोलियां चल रही थीं और रोकने वाला कोई नहीं था। इस बीच, बबलू के भाई पप्पू को कुछ लोगों ने गोली मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में रामवीर, उसके भाई कमल व अन्य भाइयों पर हत्या का आरोप लगा। बलवे में गोली किसने मारी थी ये बात सिद्ध नहीं हो पाई और गवाही भी नहीं मिली, जिससे सभी आरोपी बरी हो गए। जबकि 1993 में हत्या के प्रयास में बबलू सेंगर पक्ष के लोगों को निचली अदालत से सजा हो गई। हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और आरोपी जमानत पर हैं।
बबलू का परिवार शिफ्ट हुआ, लेकिन दुश्मनी वहीं रही
घटना के बाद बबलू सेंगर औरैया के ब्रह्मनगर में रहने लगा और वकालत करने लगा। गांव में बबलू का आना जाना लगा रहा लेकिन दोनों गुटों का आमना-सामना नहीं हुआ। सोमवार को गांव के ही भोला सिंह की तेरहवीं में दोनों परिवारों को बुलाया गया था। बबलू यहां रायफल कंधे में लटकाकर पहुंचा था।
ग्रामीणों ने दबी जबान में बताया “,हम लोग भी तेरहवीं में गए थे। रामवीर ने नशे में कमेंट कर दिया कि ऐसे लोग भी तीर कमान लेकर चलने लगे हैं, बस इसी बात पर बबलू आवेश में आ गया और रायफल की कई गोलियां बबलू के सीने और पीठ में उतार दीं। इसके बाद बबलू भागने लगा तो ग्रामीणों और रामवीर के साथ आए लोगों ने बबलू को पकड़ लिया और लाठी-डंडों और ईंटों से पीट पीटकर बबलू की मौके पर ही हत्या कर दी। अंत में बबलू का चेहरा ईंट से कूच दिया। बबलू की हत्या करने के बाद रामवीर के साथी उसकी रायफल लेकर भाग गए।”
इसके बाद गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो एसपी समेत कई थानों का फोर्स गांव पहुंचा। बताया जाता है कि बबलू का चेहरा इतनी बुरी तरह कुचला गया था कि पहचान में नहीं आ रहा था। उसके परिवार के लोग जब मौके पर पहुंचे तब जाकर उसकी शिनाख्त कर सके।
16 फरवरी को रामवीर ने की थी बेटी की शादी
गांव के लोगों ने बताया, ” मृतक रामवीर ने अभी 16 फरवरी को ही बेटी की शादी की थी, जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ था। शादी की खुशियां अभी घर में ही थीं कि मातम पसर गया। उधर, बबलू सेंगर का एक बेटा था जो करीब दो साल पहले हादसे में जान गंवा चुका है। अब दोनों घर में सिर्फ मातम और सिसिकियां ही बची हैं।
गांव में सुनाई पड़ रही सिर्फ सिसकियां और पुलिस का
डबल मर्डर के बाद बरीपुर माफी गांव में अब सन्नाटा पसरा है। लोग घरों में दुबके हैं। गांव शुरू होते ही पुलिस की गाड़ियां और पीएसी की गाड़ियां खड़ी थीं। गांव में दैनिक भास्कर टीम पहुंची तो पुलिस के अलावा गांव में इक्का दुक्का लोग ही दिखे। पूछने पर कोई कुछ ज्यादा बताने को तैयार नहीं हुए। गांव में दोनों घर की महिलाएं तक बाहर नहीं दिखीं। अब सिर्फ सिसकियां सुनाई पड़ रही हैं।
दोनों पक्ष के 19 लोगों पर मुकदमा दर्ज
एसपी चारु निगम ने बताया ,“ मृतक रामवीर के पक्ष ने 9 लोगों के खिलाफ जबकि मृतक बबलू सेंगर के परिजनों ने 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। बबलू सेंगर के पक्ष के जगमोहन सिंह व रामवीर पक्ष के नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, जिनसे दोहरे हत्याकांड के बारे में पूछताछ की जा रही है।
PAC और पुलिस के पहरे में हुआ अंतिम संस्कार
एसपी के मुताबिक, पोस्टमार्टम के बाद रामवीर का अंतिम संस्कार गांव में फोर्स की मौजूदगी में कर दिया गया है, जबकि बबलू सेंगर के शव को परिजन ब्रह्मनगर ले गए हैं। बबलू की बहन-बहनोई गाजियाबाद से आएंगे। भाई बॉबी फौज में है, जिसके आने के बाद बबलू का अंतिम संस्कार होगा। बबलू के ब्रह्मनगर मोहल्ले में घर के पास भी भारी पुलिसफोर्स को तैनात कर दिया गया है। फिलहाल बरीपुर माफी गांव में सन्नाटा है। हर घंटे पुलिस की सायरन लगीं गाड़ियां आ जा रही हैं।