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कनाडा में आतिशबाजी पर रोक, भारतीयों में नाराजगी:स्थानीय लोगों से विवाद के बाद 2 शहरों के अफसरों ने यह कदम उठाया

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कनाडा में ब्रैम्पटन के बाद हिंदू बहुल आबादी वाले मिसीसौगा सिटी में पटाखों की बिक्री पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। दोनों ग्रेटर टोरंटो एरिया के दस बड़े शहरों में हैं। यहां के कई और शहर इसी तरह के नियम बनाने की तैयारी कर रहे हैं। ओंटोरियो प्रांत का शहर मिसीसौगा कनाडा का सातवां सबसे बड़ी आबादी का शहर है।

इसकी 7 लाख की आबादी में 70 हजार भारतीय हैं। मिसीसौगा सिटी काउंसिल ने अधिकारियों काे पटाखों की बिक्री काे रोकने के लिए सख्त नियम बनाने काे कहा है। इसके पीछे कारण मिसीसौगा में पिछले साल दिवाली पर पटाखे चलाने काे लेकर विवाद हाे गया था। पिछले साल ब्रैम्पटन में देर रात तक पटाखे चलाने की लगभग 1500 शिकायतें आई थीं।

हालांकि ब्रैम्पटन सिटी ने दिवाली पर आतिशबाजी के कार्यक्रम का ऐलान भी किया है। कनाडा में ज्यादातर दिवाली, कनाडा डे पर ही आतिशबाजी होती है। हिंदू समुदाय पटाखों पर रोक से नाराज हैं। नए साल के जश्न में भी थोड़े लाेग आतिशबाजी करते हैं।

भारतीयों ने कहा, पटाखों के बिना दिवाली का त्योहार अधूरा होगा
मिसीसौगा सिटी काउंसिल में पटाखों पर रोक के प्रस्ताव के विरोध में वोट देने वाली भारतवंशी काउंसिलर दीपिका दमेरला ने भास्कर से चर्चा में कहा, ‘आतिशबाजी दिवाली का अभिन्न हिस्सा है और इसके बिना पर्व अधूरा है। सरकार काे समझना चाहिए कि आतिशबाजी हिंदुओं की संस्कृति से जुड़ा संवेदनशील मामला है। कुछ लाेग तड़के 3-4 बजे तक पटाखे चलाते हैं जाे गलत है।’

ये पाबंदियां: लाइसेंस फीस बढ़ेगी, 15% ही पटाखे रख सकेंगे दुकानों में

उनसे लाइसेंस फीस बढ़ाने के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने काे कहा है। अस्थायी दुकानों पर रोक लगाने और यह तय करने काे कहा है कि किसी भी दुकान में 15% से ज्यादा पटाखे न हाें। पटाखे चलाने पर 38000 डॉलर का भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। इसके अलावा एक दुकान में बिक्री की भी सीमा तय कर देने से कारोबार ही नहीं बचेगा।

इसलिए विरोध: दिवाली के दिन हिंदू और सिख मिलकर खुशी मनाते हैं

बीमा कंपनी में काम करने वाले मिसीसौगा के दीपक पांडे (29) का कहना है कि दिवाली के दिन हिंदू और सिख दोनों खुशी मनाते हैं। हिंदू दिवाली ताे सिख बंदी छोड़ दिवस मनाते हैं। ब्रैम्पटन में साफ्टवेयर डेवलपर अक्षय गर्ग (27) का कहना है कि पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बजाय समय सीमा तय की जा सकती है।

असर: मौजूदा नियमों से कारोबार भी प्रभावित हाेगा

सरकार का प्रतिबंध का निर्णय आतिशबाजी के कारोबार काे ठप कर देगा। एक कारोबारी का कहना है कि मौजूदा नियम एक तरह से पूरी तरह से प्रतिबंध की तरह है। पिछले साल ही बिजनेस लाइसेंस शुल्क बढ़ा दिया गया था। अब उसे चार गुना किया जा रहा है। जिससे कारोबार कर पाना पहले के मुकाबले और कठिन हो जाएगा।

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