अमेरिका में चीन के स्पाई बैलून के बाद शुक्रवार को एक और सदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट नजर आया। अलास्का के ऊपर उड़ रहे इस ऑब्जेक्ट को अमेरिकन एयरफोर्स के F-22 रैप्टर फाइटर ने मार गिराया। अमेरिकन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे इस ऑब्जेक्ट की रफ्तार 64 किमी प्रति घंटे थी। इससे कॉमर्शियल फ्लाइट्स को खतरा था। वहीं, इसके आबादी के ऊपर गिरने की आशंका भी थी।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, खतरे को देखते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे शूट करने के आदेश दिए थे। पेंटागन के प्रवक्ता जनरल पैट राइडर ने बताया कि अटैक के बाद फ्लाइंग ऑब्जेक्ट टूटकर समुद्र में जा गिरा। इसका कुछ मलबा रिकवर हुआ है, जिसे जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह बैलून था, ड्रोन था या कुछ और। यह ऑब्जेक्ट कहां से आया और इसका मकसद क्या था, अमेरिकन एजेंसीज इसका पता लगाने की कोशिश रही हैं।
छोटी कार के आकार का था फ्लाइंग ऑब्जेक्ट
अभी तक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट की कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। पैंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने बताया कि F-22 फाइटर ने उस वस्तु को मार गिराने के लिए AIM-9X मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट लगभग एक छोटी कार के आकार का था। स्पाई बैलून से काफी छोटा था। शुरुआती जांच में अमेरिकी अधिकारियों को फ्लाइंग ऑब्जेक्ट में सर्विलैंस इक्विपमेंट नहीं होने का अनुमान है।
शूटिंग से पहले 10 मील का हवाई क्षेत्र बंद किया था
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि एक्शन लेने से पहले अलास्का के डेडहॉर्स के ऊपर अमेरिकी एयरस्पेस के करीब 10 स्क्वायर मील के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया था। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने के फैसले का समर्थन किया है।
फ्लाइंग ऑब्जेक्ट नॉर्थ पोल की तरफ जा रहा था
ये ऑब्जेक्ट अलास्का के ऊपर 64 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ रहा था। नॉर्थ पोल की तरफ जा रहा था। तभी इसे फाइजर जेट ने मार गिराया। अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के अधिकारी ने कहा कि फ्लाइंग ऑब्जेक्ट समुद्र में गिरने पर टुकड़ों में टूट गया।
राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर अमेरिकी सेना ने यह कार्रवाई की। बाइडेन ने मीडिया से खुद इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मिशन सफल रहा। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब हाल ही में अमेरिकी जेट फाइटर ने चीनी स्पाई बैलून को मार गिराया था। इसके बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया।
US ने 5 फरवरी को गिराया था चीनी स्पाई बैलून
अमेरिका के मोंटाना शहर में 2 फरवरी को चीनी स्पाई बैलून नजर आया था। 5 फरवरी को अमेरिकी वायुसेना ने कैरोलिना तट के पास F-22 फाइटर जेट से इसे मार गिराया था। इसके नष्ट हो जाने के बाद बाइडेन ने अपने फाइटर पायलट्स को बधाई दी थी। अमेरिका की इस कार्रवाई पर चीन ने सख्त ऐतराज जताया था। चीन ने कहा था कि बैलून तबाह करके अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। वहीं इस पूरे मामले के बाद अमेरिका ने कार्रवाई करते हुए चीन की 6 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया।
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स्पाई बैलून 28 जनवरी को अमेरिकी एयरपोर्ट जोन में दाखिल होते हुए देखा गया था। 2 फरवरी को ये मोटांना क्षेत्र में उड़ता दिखा था। यह न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है। सेना को शक था कि बैलून जासूसी कर रहा है। इसी वजह से उस पर नजर रखी जा रही थी। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने दावा किया था कि स्पाई बैलून के जरिए चीन दुनियाभर के देशों की मिलिट्री साइट्स पर नजर रख रहा है। एजेंसी के मुताबिक, चीन ने ऐसे गुब्बारों के जरिए जिन देशों की जासूसी कराई, उनमें भारत भी शामिल है।
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चीन से 12 हजार किलोमीटर दूर, जमीन से 24 किलोमीटर ऊपर अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारा क्या करने गया था? चीन का कहना है कि ये मौसम की जानकारी जुटा रहा था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के इस दावे को नकार दिया है।
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पिछले दिनों अमेरिका में मार गिराया गया चीनी बैलून दरअसल उसके जासूसी कार्यक्रम का हिस्सा है। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने बुधवार को दावा किया कि स्पाई बैलून के जरिए चीन दुनियाभर के देशों की मिलिट्री साइट्स पर नजर रख रहा है। पिछले कई साल से चीन ऐसा कर रहा है और वह अब तक पांच महाद्वीप के 12 देशों में इसी तरह के बैलून भेजकर खुफिया जानकारी जुटा चुका है।