यूनिसेफ ने बच्चों की परवरिश के लिए दुनिया के बेहतरीन देशों की सूची जारी की है। ‘वर्ल्ड ऑफ द चाइल्ड’ रिपोर्ट में नीदरलैंड्स, स्पेन, जापान, एस्टोनिया और फिनलैंड के नाम सबसे ऊपर हैं। इस रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण पैमाना स्वास्थ्य और प्रदूषण है। इन देशों में प्रदूषण का स्तर कम है, जिससे बच्चे स्वस्थ रहते हैं। सभी देशों में पैरेंटल लीव मिलती है। आज हम पड़ताल कर रहे हैं इन देशों की सरकारों और समाज ने ऐसा क्या किया, जिससे ये देश बच्चों की परवरिश के मामले में दुनिया में मिसाल बन गए।
जापान में हत्या जैसे अपराध व सड़क हादसे सबसे कम, लोग बच्चों से विनम्र होते हैं
जापानी बच्चों में मोटापा और शिशु मृत्युदर दुनिया में सबसे कम है। लंदन में रहने वाली टोक्यो की मामी मैकाग कहती हैं-जापानी शहरों में 6 साल का बच्चा भी अकेले स्कूल आता-जाता है, फिर चाहे वह बस से जाए या ट्रेन से। यहां हत्या जैसे अपराध और सड़क हादसे दुनिया में सबसे कम हैं। लोगों को भरोसा है कि उनका बच्चा सुरक्षित स्कूल और घर पहुंच जाएगा। बच्चों से विनम्र रहना जापानी समाज की संस्कृति है।
एस्टोनिया : शहरों में हरियाली दुनिया में सबसे ज्यादा
एस्टोनिया में बच्चों के खाने में पेस्टिसाइड की मात्रा दुनिया में सबसे कम है। शहरों में ग्रीन स्पेस और खेल के मैदान अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन से भी ज्यादा हैं। रोबोटिक्स और स्मार्ट टेबलेट के साथ खेल-खेल में पढ़ाई होती है।
स्पेन : सार्वजनिक जगहों पर बच्चों को टोका नहीं जाता
स्पेन में बच्चों को सार्वजनिक जगहों पर चीखने-चिल्लाने, रोने या कुछ कहने से कभी रोका-टोका नहीं जाता। परिवार इन्हें अपने साथ हर जगह ले जाता है ताकि वे नए लोगों से दोस्ती कर सकें। परिवार के साथ ज्यादा समय बिताते हैं।
फिनलैंड : बच्चे की तरक्की पर पैरेंट्स-शिक्षक बात करते हैं
फिनलैंड में पैरेंट्स-शिक्षक संबंध दुनिया में सबसे अच्छे हैं। वे बच्चों के विकास पर नियमित एक-दूसरे से बात करते हैं। यहां शहरों में पार्क और ग्रीन स्पेस बहुत ज्यादा हैं। जिनमें परिवार बच्चों के साथ ज्यादा समय गुजारता है।
नीदरलैंड्स : सार्वजनिक समारोह में बच्चों को भेजते हैं
नीदरलैंड्स में बच्चों को लोगों से घुलने-मिलने के लिए स्कूल के अलावा भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में भेजा जाता है। यह उन्हें शिक्षित करने का तरीका है। ग्रुप, क्लब व कम्यूनिटी एक्टिविटीज उनकी जिंदगी का हिस्सा होते हैं।