ब्रिटेन का पहला स्पेस मिशन ‘द स्टार्ट मी अप’ सोमवार देर रात फेल हो गया। मिशन शुरू करने वाली कंपनी वर्जिन ऑर्बिट ने इसकी जानकारी दी है। कंपनी ने बताया कि एक तकनीकी खराबी के कारण रॉकेट अपने ऑर्बिट में नहीं पहुंच पाया।
रॉकेट लॉन्च को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी थी। ब्रिटेन के साइंस मिनिस्टर जॉर्ज फ्रीमन ने भी इस पर अपना बयान दिया है। उन्होंने मिशन में जुटे लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए कहा, ‘ हम ऐसे काम करते हैं इसलिए नहीं कि वो आसान हैं बल्कि इसलिए क्योंकि वो मुश्किल होते हैं।
पहले जानें की मिशन कैसे पूरा होना था
वर्जिन कंपनी ने अपने एक प्लेन 747 बोइंग में कुछ बदलाव कर उसे एक रॉकेट ले जाने वाले विमान में बदल दिया। इस बदलाव के बाद विमान का नाम कॉस्मिक गर्ल रखा गया। 747 बोइंग में कुछ ऐसे बदलाव किए गए थे कि इसके एक विंग के नीचे रॉकेट को सेट किया जा सके।
35 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कॉस्मिक गर्ल अपने विंग के नीचे लगे रॉकेट को रिलीज करना था। रॉकेट को प्लेन से लॉन्च करने के लिए लॉन्चर वन नाम के व्हीकल का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद रॉकेट अपनी ऑर्बिट यानी कक्षा की ओर बढ़ता।
मिशन की प्लानिंग के मुताबिक रात 11 बजकर 43 मिनट से 11 बजकर 48 मिनट के बीच रॉकेट में लगे 9 सैटेलाइट पूरी तरह उससे अलग हो जाते। इसके बाद 12 बजकर 20 मिनट पर सैटेलाइट्स अपने ऑर्बिट में पहुंचते और इसके साथ ब्रिटेन का पहला स्पेस मिशन सफल हो जाता।
तकनीकी गड़बड़ी ने ब्रितानियों का सपना तोड़ा
ब्रिटेन का पहला स्पेस मिशन थोड़ी दूर तक तो ठीक चला लेकिन सबसे अहम मोड़ पर फेल हो गया। वर्जिन एयरवेज का बोइंग विमान रॉकेट लेकर साउथ वेस्ट इंगलैंड के न्यूकी में अटलांटिक महासागर के ऊपर से रिलीज हुआ। विमान रॉकेट को लेकर स्पेस में आसानी से पहुंचा लेकिन रॉकेट के रिलीज के दौरान ही उसमें गड़बड़ी हो गई और मिशन फेल हो गया।
वेबसाइट इंडिपेंडेंट के मुताबिक यह स्पेस मिशन ब्रिटेन के लिए काफी अहम था। इसमें कई बड़े नेताओं और वर्जिन ऑर्बिट कंपनी की पहचान दाव पर लगी थी। स्पेस मिशन का फेल होना कई नेताओं के लिए शर्मिंदगी भरा होगा। ये नेता सैटेलाइट लॉन्च से पहले ही ब्रिटेन को स्पेस नेशन बनाने का दावे करने लगे थे। बिजनेस मिनिस्टर ग्रांट शैप्स ने तो यह दावा तक कर दिया था कि देशभर मे स्पेस पोर्ट्स बनाए जाएंगे। जहां से कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे।