कड़कड़ाती सर्दी में हर कोई ठंड से कांप रहा है। ठंड से बचने को लोग तरह-तरह के यत्न कर रहे हैं। मथुरा में नगर निगम प्रशासन ने बेसहारा लोगों को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में खुले आसमान के नीचे न सोना पड़े, इसके लिए रैन बसेरा बनवाए हैं। इन रैन बसेरा की स्थिति क्या है, इसका आधी रात को दैनिक भास्कर की टीम ने रियलिटी टेस्ट किया।
सड़क किनारे सोते मिले लोग
रात 11 बजे घना कोहरा रहा। कोहरा भी ऐसा कि 20 मीटर आगे क्या है कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। वृंदावन परिक्रमा मार्ग में सड़क किनारे सोते हुए लोग नजर आए। यहां किसी ने कई कंबल डाल रखे थे तो किसी ने अपने को ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक डाल रखी थी।
बाहर सोने पर मिल जाता है कंबल
कड़कड़ाती ठंड और कोहरे के बीच सर्द रातों में खुले में सो रहे लोगों के बीच एक महिला अपने दो बच्चों के साथ अलाव जलाकर बैठी मिली। इस महिला से जब सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रहने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसे यहां सोने से कंबल मिल जाएगा। तीर्थ नगरी होने के कारण सर्द रातों में कई श्रद्धालु आते हैं और वह सड़क किनारे सो रहे लोगों को कंबल ओढ़ाकर चले जाते हैं। कंबल मिलने की आस में हम लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं।
रैन बसेरों में नहीं जल रहा था हीटर
परिक्रमा मार्ग में आगे बढ़े तो कालिदह पर एक अस्थायी रैन बसेरा नजर आया। अस्थायी रैन बसेरे में अंदर टीम पहुंची तो पता चला कि यह नगर निगम ने बनवाया है। लोगों के सोने के लिए बेहतर इंतजाम थे। सोने के लिए अस्थायी बैड लगाए गए जिन पर रजाई थीं। 30 बेड के इस रैन बसेरा में 16 लोग सोते मिले। लेकिन, यहां लगाया रूम हीटर बंद था। केयर टेकर ने बताया कि इसमें कुछ खराबी आ गई है।
स्थायी रैन बसेरों में हीटर से लेकर टीवी तक के किए हैं इंतजाम
कालिदह रैन बसेरा के बाद हम 11 बजे पहुंचे परशुराम पार्क में बने स्थायी रैन बसेरा पर। यहां गेट बंद था, लेकिन जब अंदर जा कर देखा तो नगर निगम के दावे सही साबित हुए। नगर निगम ने यहां दो हिस्सों में रैन बसेरा बांट रखा है। 15 बेड के इस रैन बसेरा में 12 बेड पुरुषों के लिए हैं जबकि 3 बेड का अलग रूम महिलाओं के लिए हैं। रैन बसेरा में किसी को सर्दी न लगे इसके लिए रूम हीटर जल रहा है तो मनोरंजन के लिए टीवी चलता मिला। यही हाल अटल्ला चुंगी पर बने रैन बसेरा का था। यहां भी इंतजाम बेहतर थे।
लाइट हीटर के साथ जल रहा था गैस हीटर
तीन रैन बसेरों का रियलिटी टेस्ट करने के बाद दैनिक भास्कर की टीम लक्ष्मण शहीद पर बने अस्थायी रैन बसेरा पर पहुंची। यहां नगर निगम ने दो हीटर लगाए हैं। एक बिजली से चल रहा था तो दूसरा गैस हीटर। यहां 15 लोगों के रुकने की व्यवस्था है। यहां 9 लोग सोते मिले।
रैन बसेरा में नहीं मिली कोई बेसहारा महिला
रियलिटी टेस्ट के दौरान सबसे खास बात जो नजर आई, वह यह थी कि सभी रैन बसेरा को दो हिस्सों में बांटा गया था। एक पुरुषों के लिए दूसरा महिलाओं के लिए। पुरुषों के लिए बनाए गए हिस्सों में तो लोग सोते हुए मिले। लेकिन, महिलाओं के लिए बनाए गए रूम सभी जगह खाली थे।
नगर निगम ने बनाए हैं 10 रैन बसेरा
मथुरा वृंदावन ने 350 लोगों के सोने के लिए 10 रैन बसेरा बनाए है। इनमें 3 स्थायी हैं तो 7 अस्थायी। इसके अलावा 25 चौराहा पर गैस हीटर लगाए गए हैं। नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए किसी भी जगह अलाव नहीं जलवाए गए। इसके स्थान पर गैस हीटर लगाए गए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन के सहयोग से कंबल भी वितरित किए जा रहे हैं।
सीआईएसएफ के जवानों ने वितरित किए कंबल
सर्द रातों में खुले में रात गुजारने वाले बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए सीआईएसएफ की आईओसीएल यूनिट आगे आई। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उप कमांडेंट अभिषेक साहू के नेतृत्व में मथुरा जंक्शन के आसपास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को गर्म कपड़े और कंबल वितरित किए।