भोजपुर में ठंड का कहर जारी है। शीतलहर और कोहरे के कारण से जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।बर्फीली पछुआ हवा और कोहरे के कारण पारा 7 डिग्री के नीचे चला गया है। ऐसे में ठंड बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिन की शुरुआत होने के बाद अधिकतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
इससे पहले सोमवार को पूरे दिन पारा लुढ़कने से ठंड में इजाफा हुआ है जिसका असर आज मंगलवार को भी देखने को मिल रहा है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले 20 जनवरी तक ठंड जारी रहेगा है। कोल्ड वेव ने आवाजाही के साथ ही शिक्षा और कामकाज को भी बहुत प्रभावित कर रहा है। स्कूलों को अगले 14 जनवरी तक बंद कर दिया गया है । इस कड़कड़ाती हुई ठंड में लोग घर में दुबके है,लोगों को ऑफिस,दुकान,ट्यूशन जाने में दिक्कत हो रही है।
आज मंगलवार को जिले में 9 किलोमीटर प्रति घंटे स्पीड से हवा चलेगी, जबकि हवा के झोंके 14 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। रात का तापमान 6 डिग्री से नीचे तक जाने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि उत्तरी भारत में बर्फबारी जारी है। यही कारण है कि ठंडी हवाओं से जिले में कोल्ड डे बनता जा रहा है।
वहीं कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेने लगे हैं जहां रेलवे स्टेशन,बस स्टेशन,चौक चौराहे पर यह नजारा देखने को मिल रहा है । वहीं जिला प्रशासन द्वारा चौक चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की गई है। जिसकी मॉनिटरिंग खुद जिलाधिकारी राजकुमार कर रहे हैं। लेकिन इस कड़कड़ाती हुई ठंड में अलाव की कमी साफ दिखता नजर आ रहा है।ठंड के कारण कई तरह के बीमारियों का भी शिकार हो रहे है। कोल्ड वेव के खतरों की तो लंबे समय से ठंड के संपर्क में रहने से फ्रॉस्टबाइट हो सकती है । इस कड़कड़ाती हुई ठंड में नकसीर की समस्या होती है। कंपकंपी,उंगलियां,नाक की स्किन पीली,सख्त और सुन पड़ सकती है ।एक साथ बुजुर्गों और बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसका असर पीड़ित मरीजों की संख्या सदर अस्पताल में बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में बड़ी तादाद में सर्दी,खांसी व बुखार से पीड़ित बच्चे आ रहे हैं जबकि बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही है।बच्चें और बुजुर्ग सावधानी बरतें:–फुल बाजू कपड़े पहने, रात के समय गर्म कपड़े पहना है, पानी को उबालकर पिएं, इंफेक्शन वाले मरीज से दूर है, बूढ़े और बच्चे रात के समय में नहीं घूमे, अस्थमा के मरीज रखें हमेशा दवा साथ, ब्लड प्रेशर के मरीज करें नियमित जांच, शुगर के मरीज भी रहे सावधान, बदलता मौसम करता है परेशान