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मिलिए 15 प्रवासियों से, जिन्हें नाकामी ने घेरा तो उसे सीढ़ी बनाकर बुलंदी पर पहुंचे

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आज 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है। UN इंटरनेशनल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, भारत के 18 मिलियन (एक करोड़ 80 लाख) लोग विदेश में रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के प्रवासियों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है, जो अलग-अलग देशों में है। भारत के सबसे ज्यादा लोग UAE, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं।

ये प्रवासी समाज में बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं। आइए कुछ ऐसे ही प्रवासियों के बारे में जानते हैं…

1. निधि नागोरी

निधि पेशे से CA हैं। कनाडा की मल्टीनेशनल फाइनेन्स कंपनी (MNC) में काम करती हैं। परिवार पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रहता है। कॉर्पोरेट इंप्लॉय होने के साथ वो एजुकेशन और करियर इंफ्लूएंसर भी हैं। इंस्टाग्राम पर अपने वीडियोज में निधि बेस्ट फॉरेन कॉलेज, इंटरनेशनल फ्रीलांस जॉब और फुल टाइम जॉब्स की जानकारी देती हैं। इसके अलावा वो वर्कशॉप भी ऑर्गनाइज करती हैं। इनमें फाइनेंस, एजुकेशन, करियर और दूसरे देशों में माइग्रेशन से जुड़ी जानकारी शेयर करती हैं।
फाइनल एग्जाम के पहले पिता को खोया
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में उनका काफी मजाक उड़ाया जाता था। निधि के मुताबिक- मेरा रंग सांवला था तो स्कूल में लोग मेरा बहुत मजाक उड़ाते थे। इस वजह से मुझमें कॉन्फिडेंस नहीं था। मुझे लगता था कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगी। फिर 2009 में ठान लिया की CA बनकर दिखाऊंगी। फाइनल एग्जाम के 16 दिन पहले पिता की डेथ हो गई। मेरा हौसला टूट गया, लेकिन मैंने फर्स्ट अटेम्पट में एग्जाम क्लियर कर लिया। इसके बाद विदेश चली गई।

2. विकास खन्ना

दुनिया के टॉप 10 शेफ में विकास खन्ना का नाम शुमार है। जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ। उन्होंने भारत के मशहूर होटल्स जैसे- ताज, ओबेरॉय और लीला ग्रुप में काम किया। इसके बाद वो न्यूयॉर्क चले गए। उन्होंने दुनिया के जाने-माने शेफ गॉर्डन रैमसे, बॉबी फ्ले और एरिक रिपर्ट के साथ भी काम किया है। विकास खन्ना कुकिंग शो ‘मास्टरशेफ इंडिया’ के जज भी हैं।

मां के साथ दादी के बनाए हुए पराठे बेचते थे
विकास के शेफ बनने की कहानी रोचक है। वो अपनी दादी को खाना बनाते देखते थे। उनकी दादी अमृतसर की एक छोटी सी गली में पराठे बनातीं और विकास मां के पराठे बेचा करते। उन्होंने महज 17 साल की उम्र से ही कमाना शुरू कर दिया था। एक इंटरव्यू में विकास ने कहा था- अमेरिका गया थे तो रातें सड़कों और स्टेशन पर सोकर बिताईं। लेकिन पीछे नहीं हटा और न ही हार मानी। आज वो न्यूयॉर्क में ‘जूनून’ नाम के रेस्त्रां के मालिक हैं। उनके इस रेस्त्रां के लिए उन्हें मिशलिन स्टार अवॉर्ड से नवाजा भी गया है।

2015 में विकास ने 1200 पन्नों की ‘उत्सव’ नाम की एक बुक निकाली जिसमें उन्होंने भारत में त्योहार के दौरान बनने वाले व्यंजनों का वर्णन किया है। इस किताब को पूरा करने में विकास को 12 साल लगे। उन्होंने इस 16 किलोग्राम की किताब को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को तोहफे में दिया। इसके अलावा उन्होंने इसकी कॉपियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दलाई लामा और हिलेरी क्लिंटन को भी भेंट कीं।

3. बिभु महापात्र

ओडिशा के राउरकेला में जन्मे बिभु महापात्रा न्यूयॉर्क के जाने-माने फैशन और कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं। उनके काम को टाइम, फोर्ब्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल और वोग सहित कई मैगजीन्स ने जगह दी। 2008 में बिभु महापात्रा ने अपना पहला खुद का लेबल ‘बिभु महापात्रा पर्पल लेबल’ लॉन्च किया था।

मां से सीखा सिलाई करना
बचपन में बिभु की मां उन्हें सिलाई करना सिखाती थीं। इससे उनके मन में फैशन को लेकर रुचि जागी। इसमें अपना करियर बनाने के लिए वो 1999 में न्यूयॉर्क पहुंचे। फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा, अमेरिकी एकट्रेस ग्वेनेथ पाल्ट्रो, सिंगर जेनिफर लोपेज, बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर जैसी मशहूर हस्तियों इनकी डिजाइन की हुई ड्रेस पहन चुकी हैं।

4. मीरा नायर

मीरा नायर का जन्म ओडिशा के राउरकेला में हुआ था। वो इंडियान-अमेरिकन फिल्ममेकर हैं। 19 साल की उम्र में मीरा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने अमेरिका आ गईं। उन्होंने 1988 में ‘सलाम बॉम्बे’ नाम की हिंदी फिल्म बनाई। इसे ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया। उनका ‘मीराबाई फिल्म्स’ नाम का प्रोडक्शन हाउस भी है। वो अपनी फिल्मों में भारतीय समाज के इकोनॉमिक, सोशल या कल्चरल पहलुओं के बारे में बताती हैं। उन्होंने मानसून वेडिंग, मिसिसिपी मसाला जैसी फिल्में भी बनाई हैं।

वैसे तो मीरा जानी-मानी डायरेक्टर हैं, लेकिन वो एक्टिंग में करियर बनाना चाहती थीं। इतना ही नहीं मीरा ने बाकायदा कई प्ले में एक्टिंग भी की। अपने एक्टिंग के दिनों के दौरान ही मीरा की फिल्म मेकिंग में दिलचस्पी जागने लगी थी. उनका मानना था कि फिल्म बनाना एक्टिंग करने से ज्यादा क्रिएटिव काम है।

विदेश में रहने के बाद भी दिल में भारत ही था
मीरा भले ही विदेश में पढ़ रही थीं, मगर वो अपनी फिल्मों के जरिए भारत को दिखाना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने अपनी जिंदगी की सबसे पहली डॉक्यूमेंट्री के लिए दिल्ली के जामा मस्जिद को चुना। 18 मिनट लंबी इस ब्लैक एंड वाइट डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने पुरानी दिल्ली की गलियों और लोगों को कुछ इस तरह से दिखाया कि हर कोई उनके काम का कायल हो गया। उनकी पहली ही डॉक्यूमेंट्री कामयाब रही। इसके बाद उन्होंने फिल्में डायरेक्ट करना शुरू किया।

5. मनु प्रकाश

मनु का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री IIT कानपुर से ली। मास्टर्स और PhD के लिए अमेरिका चले गए। फिलहाल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बायोइंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

पानी से चलने वाला कंप्यूटर बनाया
उन्होंने फोल्डेबल माइक्रोस्कोप बनाया था। इससे उन्हें दुनियाभर में पहचान मिली। उन्होंने अपने इस इन्वेंशन का नाम ‘द फोल्डस्कोप’ रखा। इसका साइज A4 शीट जितना है और कीमत 30 रुपए है। उन्होंने दुनिया का पहला ऐसा कंप्यूटर बनाया है जो पानी से चलता है। इसे ‘द ड्रॉपलेट कंप्यूटर’ नाम दिया।

ये कंप्यूटर पानी की बूंदों और स्पेशल स्पीड लॉ पर काम करता है। कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में ऑपरेटिंग क्लॉक सबसे अहम यूनिट माना जाता है। मनु और उनकी टीम ने पानी की बूंदों की स्पीड को आधार बनाकर विशेष ऑपरेटिंग क्लॉक तैयार किया।

6. प्रणव मिस्त्री

गुजरात के पालनपुर में जन्मे प्रणव कंप्यूटर साइंटिस्ट और इंवेंटर हैं। फिलहाल सैमसंग रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट हैं और इसके थिंक टैंक के हेड हैं। उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद के निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में डिग्री पूरी की।

वो सिक्स्थ सेंस (कम्प्यूटर सिस्टम), सैमसंग गैलेक्सी गियर और प्रोजेक्ट बियॉन्ड के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने वेयरेबल कंप्यूटिंग, ऑग्मेंटेड रिएलिटी, जेस्चरल इंटरैक्शन, AI, मशीन विजन और रोबोटिक्स में योगदान दिया है।

उन्हें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने यंग ग्लोबल लीडर 2013 के रूप में भी सम्मानित किया था। उनकी जबरदस्त तकनीक ‘सिक्स्थ सेंस’ ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। सिक्स्थसेंस एक ऐसी डिवाइस है जो ह्यूमन जेस्चर को इंटरप्रेट करती है। इसमें डेटा प्रोजेक्टर और कैमरा दोनों हैं।

7. सबीर भाटिया

सबीर भाटिया भारतीय अमेरिकी कारोबारी हैं। ये हॉटमेल ईमेल सेवा के को-फाउंडर हैं। भाटिया के पास 200 मिलियन अमरीकी डॉलर की प्रॉपर्टी है। इनका जन्म चंडीगढ़ में हुआ। बेंगलुरु में पले-बढ़े और बिट्स पिलानी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। बाद में उन्हें BITS से कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ट्रांस्फर कर दिया गया।

2011 में हॉटमेल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-मेल प्रोवाइडर था। उन्होंने 1997 में हॉटमेल को माइक्रोसॉफ्ट को बेच दिया था, जिसके बाद इसका नया नाम MSN हॉटमेल हो गया। उन्होंने फ्री मैसेजिंग सर्विस JaxtrSMS भी शुरू की।

8. पद्मश्री वारियर

पद्मश्री वारियर दुनिया की सबसे प्रभावशाली भारतीय महिलाओं में से एक हैं। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में जन्मी और पली-बढ़ी वारियर ने अपनी स्कूली शिक्षा विजयवाड़ा के चिल्ड्रन मोंटेसरी स्कूल से की। इसके बाद IIT दिल्ली से ग्रेजुएशन किया। वह सिस्को और मोटोरोला जैसी टेक्नोलॉजी फर्मों काम कर चुकी हैं। उन्होंने ‘फेबल’ की स्थापना की। ये एक रीडिंग प्लेटफॉर्म है, जो मेंटल वेलनेस पर फोकस करता है।

फोर्ब्स ने 2014 में वारियर को दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था। वो माइक्रोसॉफ्ट और स्पॉटिफाई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मेंबर भी हैं।

9. शोभना जयसिंह

चेन्नई में जन्मी शोभना जयसिंह ने अपनी शिक्षा श्रीलंका और मलेशिया में पूरी की। शोभना इंटरनेशनल कोरियोग्राफर हैं। उन्होंने 1989 में ब्रिटेन में अपनी डांस कंपनी ‘शोभना जयसिंह डांस’ खोली। वो ट्रेन्ड भरतनाट्यम डांसर हैं। वो अपने डांस के जरिए ब्रिटेन और एशियन कंट्रीज के कल्चरल ओरिजन और इसके बीच के संघर्षों को भी दिखाती हैं। जयसिंह को 1995 में ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (MBE) का सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्हें 2020 में कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (CBE) सम्मान से सम्मानित किया गया था।

10. ऋतुपर्णा राणा

नई दिल्ली की रहने वाली ऋतुपर्णा ने IIT गांधीनगर से पढ़ाई पूरी की। फिलहाल बर्लिन में रहती हैं। यहां एक वर्चुअल माइग्रेशन म्यूजियम बना रही हैं। यूरोपियन यूनियन के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही हैं। वर्चुअल माइग्रेशन म्यूजियम के साथ वो द साउथ-एशियन माइग्रेंट आइडेंटिटी- नेरेटिव, स्पेस एंड कंस्ट्रक्ट’ नाम की एगजिबिशन लगाने की तैयारी में हैं। इसके माध्यम से साउथ एशिया के रिसर्चर्स, स्कॉलर्स और आर्टिस्ट अपने काम को प्रेजेंट कर सकेंगे।

11. निहारिका एनएम

ये लॉस एंजेलिस की ‘देसी इन्फ्लुएंसर’ हैं। चेन्नई में जन्मी और बेंगलुरु में पली-बढ़ीं निहारिका MBA की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चली गईं। कोरोना काल में उन्होंने यूट्यूब पर कॉमेडी वीडियोज बना शुरु कर दिया। अपने वीडियोज में वो उन विषयों पर बोलती या बात करती हैं, जो ज्यादातर देसी यंगस्टर्स को बहुत पसंद आते हैं।

12. अभिजीत बनर्जी

मुंबई में जन्मे अभिजीत के पिता बंगाली और मां मराठी हैं। बनर्जी ने JNU से ग्रैजुएशन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhDकी। वो भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। फिलहाल मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं। उन्हें 2019 में इकोनॉमिक्स का नोबल प्राइज मिला था। अभिजीत बनर्जी की अर्थशास्त्र के कई एरिया में रुचि है जिसमें से चार अहम हैं। पहला- आर्थिक विकास, दूसरा- इंफोर्मेशन प्रिंसिपल, तीसरा- इनकम डिस्ट्रीब्यूशन प्रिंसिपल और चौथा- मैक्रो इकोनॉमिक्स।

13. किरण देसाई

जानी-मानी लेखिका किरण देसाई का जन्म नई दिल्ली में हुआ। इसके बाद वो अपनी मां अनिता देसाई के साथ इंग्लैंड चली गईं। फिलहाल वो अमेरिका में रहती हैं। किरण देसाई ने बेनिंगटन कॉलेज, हॉलिंस यूनिवर्सिटी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से क्रिएटिव राइटिंग का अध्ययन किया। किरण का पहला नॉवल ‘हुलाबालो इन द गुआवा ऑर्किड’ 1998 में प्रकाशित हुआ था। उनकी दूसरी बुक, द इनहैरिटेंस ऑफ लॉस 2006 में पब्लिश हुआ। इसके लिए उन्हें बुकर पुरस्कार भी मिला। किरण 35 साल की उम्र में बुकर प्राइस जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनीं।

14. सत्य नडेला

माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता 1962 बैच के IAS अफसर थे। मां प्रभावति एक संस्कृत लेक्चरार थीं। उन्होंने मनीपाल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज से 1988 में इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग किया। इसके बाद वो अपनी आगे की पढ़ाई के लिए US में चले गए। वहां पर उन्होंने विस्कॉनसन मेडिसन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। उसके बाद साल 1997 में सत्य नडेला ने शिकागो बूथ यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल की। साल 2014 में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का नया CEO बनाया गया।

15. सुंदर पिचाई

गूगल के CEO सुंदर पिचाई सुन्दर का जन्म तमिलनाडु के मदुरई में हुआ। उनकी मां एक स्टेनोग्राफर थीं और पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर। उन्होंने IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। सुंदर ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MS एवं व्हार्टन स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया से MBA भी किया। 2015 में उन्हें गूगल का CEO बनाया गया था।

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