2022 के गुजरने में अब 4 ही दिन बचे हैं। इंदौर में पूरा साल क्राइम सीन काे लेकर उथल-पुथल भरा रहा। सैकड़ों केस पुलिस ने सुलझा लिए। कुछ परिवारों को अभी भी आरोपियों की तलाश है। पर पुलिस की जांच खत्म ही नहीं हो रही है ना ही आरोपी पकड़े जा रहे हैं। साल की ऐसी पांच बड़ी अनसुलझी क्रिमिनल घटनाओं के किस्से बता रहे हैं, जिनकी तह तक पुलिस पहुंच ही नहीं सकी।
केस-1 : गोली या लोहे का टुकड़ा पता नहीं लगा सकी पुलिस
हीरानगर थाना क्षेत्र के शारदा नगर में रहने वाली माही शिंदे की नवरात्रि के आखिरी दिन गोली लगने से मौत हो गई। माही अपनी मां रक्षा शिंदे और छोटे भाई हार्दिक के साथ कॉलोनी में गरबा देखने पहुंची थी। जब माही अपनी मां की गोद में बैठी थी। तभी अचानक पटाखे चलने जैसी आवाज आई। उसके सिर से खून का फव्वारा फूट गया। माही की मां रक्षा को लगा कि सिर में कोई पत्थर आकर लगा। कुछ देर बाद बच्ची को नजदीक के बारोड़ अस्पताल ले जाया गया। यहां से उसे राजश्री अस्पताल ले जाया गया। जहां अगले दिन बच्ची ने दम तोड़ दिया। यहां जांच में पता चला कि माही के सिर में बुलेट जैसा कुछ धंसा है। लेकिन पुलिस पता नहीं लगा पाई कि ये गोली ही थी या लोहे का टुकड़ा। पुलिस गोली का भी पता नहीं लगा सकी कि यदि माही के सिर में गोली लगी है तो वह चली कहां से? पुलिस ने आसपास के बदमाशों के साथ लायसेंसी रायफल की जांच की। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
अब आगे क्या: एक साल बाद आएगी रायफल की FSL जांच रिपोर्ट
माही को लेकर अब तक हीरानगर पुलिस विजयनगर तक 52 से अधिक रायफल जब्त कर चुकी है। इनकी जांच के लिए सागर के एफएसएल लैब भेजा गया है। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। अफसरों के मुताबिक वहां से रिपोर्ट आने में एक साल तक का समय लग सकता है।
मां का दर्द जिसकी गोद में बेटी को गोली लगी
नवरात्रि के आखिरी दिन 11 साल की बेटी माही को काॅलोनी में गरबा दिखाने ले गई। अचानक फट्ट सी आवाज आई। बेटी मेरी गोद में आकर गिर गई। देखा तो नुकीला मेटल बेटी के सिर में खड़ा जा घुसा। खून का फव्वारा फूटा। 12 घंटे बाद तड़पते हुए मेरे सामने ही मेरी बच्ची की…। ये दर्द है माही की मां रक्षा शिंदे का जिनकी बेटी को उनके सामने ही गोली लगी। 11 साल की बच्ची से किसकी दुश्मनी थी, हादसा है या हत्या, ये किसने किया? इंदौर में 72 घंटे बाद भी बच्ची की मौत रहस्य बनी हुई है। सिर में नुकीला मेटल गोली जैसा घुसा था। पुलिस नहीं बता पा रही कि गोली किसने चलाई।
केस-2 : हत्या कर लाश जला दी, हत्यारा भी पकड़ाया, मरा कौन पता नहीं
एमजी रोड इलाके में नवंबर 2022 को एक जली हुई लाश पुलिस को मिली। यहीं रहने वाले चौकीदार प्रवीण अग्रवाल को संदिग्ध मानकर पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रवीण ने बताया कि वह हरीसिंह से संबंध बनाना चाहता था। उसके इनकार करने के बाद मैंने ही उसकी हत्या कर दी। जब पुलिस ने प्रवीण से हरीसिंह के बारे में पूछा कि वह कौन था कहां से आया था। इस पर प्रवीण कोई जवाब नहीं दे सका। अभी तक पुलिस हरीसिंह का असली नाम, पता और परिवार की जानकारी नहीं निकाल सकी है।
अब आगे क्या : पीड़ित परिवार को सामने लाना बड़ी चुनौती
पुलिस के पास हरीसिंह को लेकर कोई जानकारी नहीं है। वह भिक्षावृत्ति से जुड़ा था। एमजी रोड पुलिस के पास उसका फोटो भी नहीं है। प्रवीण के कहे अनुसार पुलिस ने उसका स्केच तो तैयार करवा लिया। उस स्कैच को आसपास के लोगों को भी बताया। लेकिन हरीसिंह के बारे में जानकारी कोई नहीं दे पा रहा है। पुलिस ने लापता लोगों की सूची भी निकाली, पर कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस के सामने पीड़ित या पीड़ित के परिवार को सामने लाना सबसे बड़ी चुनौती है।
केस-3 : वकील के बेटे की मौत सुसाइड या हत्या!
इंदौर के रानीपुरा इलाके से सटे नयापुरा में लॉ के स्टूडेंट राफे (19) पुत्र अतीक की गोली लगने से तीन माह पहले मौत हो गई। इस मामले में पुलिस को मौत के करीब 5 घंटे बाद घटना के बारे में पता चला था। इस मामले में पुलिस जब मौके पर पहुंची तो काफी सारे सबूत मिटाए जा चुके थे। गोली चलने वाली जगह को पानी से धो दिया गया था। मृतक राफे के शरीर को भी गीले कपड़े से पोछा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी डॉक्टर ने यह भी बताया कि गोली कनपटी से बिल्कुल सटाकर यानी पॉइंट ब्लैंक रेंज से चलाई गई है। लेकिन परिवार द्वारा सबूत मिटाने के चलते पुलिस पूरे मामले को संदिग्ध मानकर ही चल रही है। पुलिस अभी इसे स्पष्ट तौर पर आत्महत्या मानकर नहीं चल रही है।
अब आगे क्या : रायफल की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद खुलेगा सच
पुलिस ने परिवार में सभी भाई, बहन, माता-पिता के बयान ले लिए हैं। इन बयानों में आत्महत्या या हादसे को लेकर स्पष्ट तथ्य सामने नहीं आए हैं। रायफल जब्त कर फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए भेजी है। पुलिस अब राफे के सोशल अकाउंट के साथ ही सूचना तंत्र पर पूरी जांच कर रही है। ताकि आत्महत्या जैसे मामले का स्पष्ट कारण सामने आ पाए।
केस-4 : महिला की अर्धनग्न लाश किसकी, पता ही नहीं चला
इंदौर के खजराना में शहीद पेट्रोल पंप के पास कुछ माह पहले एक युवती की अधजली लाश मिली। जिसका चेहरा बुरी तरह से झुलसा था। उसके शरीर पर कुछ ही कपड़े थे। पुलिस को शुरुआत में जानकारी मिली थी कि युवती की हत्या कहीं ओर की गई है। उसके शव को पेट्रोल पंप के नजदीक लाकर जलाया है। ताकि उसकी पहचान ना हो सके। पुलिस ने इस मामले में इंदौर के साथ आसपास के जिलों में गुमशुदा युवती की जानकारी निकाली। लेकिन शव से मिलती जुलती किसी भी युवती की पहचान नहीं हाे सकी। इसके साथ मुंबई सहित अन्य शहरों में भी टीमें भेजी गई। लेकिन मामले में पुलिस अभी तक उसकी पहचान ही नहीं कर पाई।
अब आगे क्या : थाने में सभी सामग्री ताकि मृतक महिला का पता चलते ही जांच शुरू हो सके
पुलिस इस अंधेकत्ल में आज भी खाली हाथ है। अफसर अब इस केस की फाइल भी बंद करने का मन बना रहे हैं। क्योंकि खजराना पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच को भी इस हत्याकांड में कोई लीड नहीं मिली है। इस वारदात से जुड़ी सभी चीजें अभी भी थाने में रखी हैं। ताकि कुछ जानकारी मिलते ही मामले में जांच आगे बढ़ाई जा सके
केस-5 : केक्स एंड क्राफ्ट के मालिक ने की खुदकुशी, नहीं मिला मोबाइल
पलासिया इलाके के मनोरमागंज में तीन माह पहले केक्स एंड क्राफ्ट बेकरी चेन के मालिक मनीष लुल्ला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पत्नी जेसमीन जब घर पहुंची तो मनीष ने गेट नहीं खोला। ड्राइवर को भेजकर चाबी बनाने वाले को बुलाया गया। जिसमें लॉक खोलने पर मनीष फंदे पर लटके थे। मनीष की पत्नी जेसमीन और रिश्तेदारों के बयान में व्यापारिक कर्ज होने की बात सामने आई थी। लेकिन पता चला कि मनीष का मोबाइल गायब था। पता चला कि वे आखिरी कॉल पर हुई बात के बाद से चिंता में थे।
अब आगे क्या : जो मोबाइल मनीष तोड़ दिया वह मिला नहीं उसी में छुपा है क्लू
पुलिस की जांच में सामने आया था कि मनीष ने सुसाइड के पहले अपना मोबाइल तोड़ दिया था। मनीष ने उसे कचरे में फेंक दिया था। पुलिस इस मामले में मनीष का गुम मोबाइल ही नहीं ढूंढ पा रही है। इसके साथ ही कॉल डिटेल में भी इस बात का खुलासा नही कर पाई है कि आत्महत्या के पहले मनीष आखिरी में किन लोगों से संपर्क में था। फिलहाल पुलिस की जांच अभी भी मामले में अनसुलझी ही है।