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आयोग का तर्क- इससे मेरिट की जांच होती है, अभ्यर्थी बोले- यह BPSC का सेफ्टी वॉल्ब

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बीपीएससी पीटी परीक्षा में निगेटिव मार्किंग को तो छात्र- छात्राएं स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन शिक्षक और अभ्यर्थी दोनों ही एक स्वर से पीटी परीक्षा में दिए जाने वाले E ऑप्शन का विरोध कर रहे हैं। इन सबों की मांग है कि जब आयोग ने निगेटिव मार्किंग लागू कर दी है तो अब E ऑप्शन को हरगिज नहीं रहना चाहिए।

बता दें कि E ऑप्शन के तहत बीपीएससी पीटी में दो ऑप्शन होते हैं- ‘ इनमें से कोई नहीं’ या ‘ इनमें से एक से अधिक ‘। बीपीएससी का तर्क है कि E ऑप्शन के जरिए वह अभ्यर्थियों की मेरिट की जांच करता है लेकिन एक अभ्यर्थी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर ये बातें कहीं-

बीपीएससी हर बार पीटी परीक्षा में कई प्रश्न गलत पूछता है या आपत्ति लेने के बाद उत्तर बदल देता है इसमें E ऑप्शन की आड़ के सहारे बचाव करता है।

  • E ऑप्शन में दो ऑप्शन दिए जाते हैं। दोनों से कई बार अंतर्विरोध की स्थिति हो जाती है।
  • E ऑप्शन की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है!
  • E ऑप्शन की वजह से जब बीपीएससी पर संदेह हो रहा है तब उसे इसको हटाने में और तेजी दिखानी चाहिए, जबकि आयोग जिद पर अड़ा है।
  • निगेटिव मार्किंग को लेकर जब छात्रों से राय ली गई तब E मार्किंग के बारे में राय क्यों नहीं ली गई?
  • सभी छात्र एक सुर से जब E ऑप्शन को हटाने की मांग कर रहे हैं तब इसे हटाने में क्या दिक्कत है आयोग को बताना चाहिए।

अब इसका कोई औचित्य नहीं रह गया है- गुरू रहमान, एक्सपर्ट

वर्षों से छात्र- छात्राओं को बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कराने वाले गुरु रहमान कहते हैं कि बीपीएससी ने जो सुधार किया है वह काबिले तारीफ है। मुख्य परीक्षा के पैटर्न में जो बदलाव किए गए हैं, मैं उसकी तारीफ करता हूं लेकिन मैं सीएम, डिप्टी सीएम और आयोग के चेयरमैन से निवेदन करता हूं कि बीपीएससी पीटी से E ऑप्शन को हटाया जाए। जब निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था पीटी में कर दी गई तो E ऑप्शन का कोई औचित्य नहीं रह गया है। इसे हटा ही देना चाहिए।

अपनी गलती को छुपाने का यह तरीका सही नहीं- दिलीप कुमार, छात्र नेता

छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि बीपीएससी जान बूझ कर E ऑप्शन नहीं हटा रहा है। हर बार बीपीएससी में डेढ़ सौ में से कुछ प्रश्न गलत पूछे जाते हैं। E ऑप्शन को सेफ्टी वॉल्ब के रुप में आयोग इस्तेमाल करता है क्योंकि प्रश्न गलत हों तो E आंसर मान लिया जाए। गलत प्रश्न को सही साबित करने के लिए ही आयोग ने E ऑप्शन को लाया है। इसे आयोग नहीं हटाता है तो लाखों छात्रों के साथ अन्याय होगा। निगेटिव मार्किंग का हम सभी स्वागत करते हैं। अपनी गलती को छुपाने का बीपीएससी का तरीका सही नहीं है।

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