कानपुर देहात
कानपुर देहात में कस्टडी में मारे गए बलवंत के साथ पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। डॉक्टरों के मुताबिक, बलवंत के पेट को छोड़कर शरीर का कोई ऐसा अंग नहीं बचा जहां उसे चोट न आई हो। बलवंत के शरीर पर 40 से ज्यादा चोट के निशान हैं।
उसके हाथ, पैर, पीठ, थाई और पैर के तलवों पर 500 से ज्यादा लाठियां मारी गईं। इतनी पिटाई के बाद जगह-जगह से उसकी नसें फट गई। शरीर में कई जगह ब्लड क्लॉट होने की वजह से वह कोमा में चला गया। इसके बाद मल्टी आर्गन फेल्योर की वजह से उसकी मौत हाे गई। इसका खुलासा आज सामने आई बलवंत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ है।
सिर, छाती और शरीर के निचले हिस्से पर गंभीर चोट
बलवंत के शरीर पर पैर से लेकर सिर तक चोट के निशान हैं। बलवंत को सबसे ज्यादा पीठ की तरफ से कमर के निचले हिस्से में मारा गया है। इसके बाद उसके पैर की तलवे और फिल्लियों में लाठी से बुरी तरह मारा गया। जांघ और छाती पर भी गंभीर चोट के निशान मिले हैं। साथ ही कलाई की मसल्स डैमेज पाई गई हैं।
बताया जा रहा है कि कलाई को रस्सियों से बांधा गया था। दर्द की छटपटाहट की वजह से हाथ छुड़ाने की कोशिश में कलाई की मसल्स डैमेज हो गई। पूरे शरीर में 31 गंभीर चोटों के निशान हैं, बाकी आठ से दस छोटी-छोटी चोटे हैं। जिन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे मेंशन नहीं किया गया है।
तब तक पीटा जब तक मर नहीं गया बलवंत
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बलवंत को बुरी तरह पीटा गया है। अमूमन पुलिस जब थर्ड डिग्री देती है, तो कमर के पिछले हिस्से पर ही वार करती है। लेकिन इस केस में ऐसा लगता है कि जैसे पीटने वाले किसी इंटेशन से बलवंत को पीट रहे थे। पीटने वाले इतने बर्बर थे कि वह यह देख ही नहीं रहे थे कि बलवंत को चोट कहां लग रही है। सिर, छाती, हाथ, पैर मत्थे शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं बचा जहां चोट न आई हो।
सिर को दीवार पर पटका गया, फ्रैक्चर कहीं नहीं
रिपोर्ट में बलवंत के सिर में भी चोट के निशान सामने आए हैं। सिर की कोई हड्डी नहीं टूटी है न ही ब्लीडिंग के निशान हैं, लेकिन सिर में गंभीर चोट आई है। इसी तरह बाएं हाथ की हथेली पर भी गंभीर रूप से चोट के निशान हैं। साथ ही हथेली से लेकर कुहनी तक पर चोट ही चोट है। कूल्हे के अगल बगल भी चोट के निशान बलवंत के शरीर पर दिखाई दे रहे हैं। हालांकि पूरे शरीर में कहीं भी फ्रैक्चर नहीं पाया गया है।
500 से ज्यादा बार बरसाई गईं लाठियां
डॉक्टरों के अनुमान के मुताबिक, हर चोट पर बीस से ज्यादा बार लाठियां बरसाई गई हैं। पूरे शरीर की बात करें तो 500 से ज्यादा लाठियां बरसाई गई हैं। हालांकि, यह सिर्फ एक अनुमान ही है। यह कम या ज्यादा भी हो सकता है। फिलहाल, बलवंत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि इतनी बर्बरता पहले नहीं देखी। पुलिस अमूमन मारती है, लेकिन इस तरह से मारना बताता है कि आरोपियों पर जैसे कोई जुनून सवार हो गया था।
पहले हार्ट अटैक फिर मल्टी आर्गन हुए फेल्योर
डाक्टरों के मुताबिक बुरी तरह पिटाई की वजह से बलवंत की नसें कई जगह से फट गई थी। जिससे शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी। इसके बाद शरीर में जगह जगह ब्लड क्लॉट होने लगा। जिससे वह कोमा में चला गया। इसके बाद हार्ट तक ब्लड सप्लाई रुक गई। इसके बाद मल्टी आर्गन फेल्योर होने लगा। धीरे-धीरे किडनी और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया और बलवंत की मौत हो गई।
पुलिस ने कहा था-सीने में दर्द की शिकायत पर ले गए थे अस्पताल
बताते चलें कि 12 दिसंबर को पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत के परिजनों के विरोध के बाद पुलिस ने दावा किया था कि उसके सीने में दर्द की शिकायत थी। जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया था। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि पुलिस का दावा झूठा था। दरअसल, हास्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर समय से बलवंत को ब्लड चढ़ा दिया जाता तो हो सकता है कि उसकी जान बच सकती थी।
कोर्ट में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनेगी अहम सबूत
डॉक्टरों ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इतनी मजबूत है कि आरोपियों के छूटने का कोई चांस बनता नहीं दिख रहा है। इस मामले में अगर परिवार कुछ भी न बोले तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आरोपी पुलिस वालों की पोल खोलने के लिए काफी है। जिस तरह से बलवंत के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। उससे साफ है कि यह एक ब्रूटल मर्डर है।
बलवंत हत्याकांड में पांच आरोपियों की हाे चुकी है गिरफ्तारी
बलवंत हत्याकांड में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें घटना में शामिल मुख्य आरोपी तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम,मुख्य आरक्षी एसओजी, सोनू यादव, मुख्य आरक्षी एसओजी, दुर्वेश कुमार, मुख्य आरक्षी एसओजी, अनूप कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी इस मामले में चार आरोपियों की तलाश है। जिसमें मैथा चौकी इंचार्ज, एसआई, ज्ञान प्रकाश, एसआई शिवली, संपत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल, थाना शिवली, विनोद कुमार, एसओजी आरक्षी, जय कुमार शामिल हैं।
थाने में चार घंटे तक पीटा गया था बलवंत को
कानपुर देहात के शिवली थाने के सरैया गांव में 6 दिसंबर को चंद्रभान सिंह नाम के कारोबारी से लूट हुई थी। वह दुकान बंद करके लौट रहे थे, तभी पीछे से आए एक बाइक सवार बदमाशों ने ढाई लाख रुपए का सामान लूट लिया था। पुलिस इसी मामले की जांच कर रही थी।
इसी बीच केस की जांच के संबंध में पुलिस ने 12 दिसंबर सोमवार को 5 अलग-अलग लोगों को उठाया। उन्हीं में से एक चंद्रभान का भतीजा बलवंत भी था। चंद्रभान का आरोप है कि मेरे साथ हुई लूट का फर्जी खुलासा करने के लिए पुलिस ने बलवंत को उठाया था।
परिजनों का आरोप है कि बलवंत को रनियां थाने में आरोपी पुलिस वालों ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। हम लोग जब थाने पहुंचे तो हमें बताया भी नहीं। हमें एक थाने से दूसरे थाने दौड़ाते रहे। सुबह जब हमें पता चला कि बलवंत का शव पोस्टमॉर्टम हाउस ले गए हैं तब हम वहां पहुंचे। वहां हम पोस्टमॉर्टम हाउस से शव को लेकर भाग खड़े हुए। तब पता चला कि उसको इतना पीटा गया था।