STF ने वीसी विनय पाठक पर कसा शिकंजा:आज बयान दर्ज कराने नहीं आने पर कोर्ट में दाखिल कर सकती है अर्जी, करीबियों पर नजर
यूपी एसटीएफ जल्द ही छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) कानपुर के कुलपति विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के मामले बड़ी कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक आज विनय पाठक को एसटीएफ मुख्यालय पर पहुंच कर बयान दर्ज कराने का दिन है। यदि वह नहीं पहुंचे, तो उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने के लिए कानूनी प्रक्रिया की तैयारी शुरू हो जाएगी। दूसरी तरफ उनसे जुड़े अजय मिश्र और संतोष सिंह की कंपनी को दिए जाने वाले सभी ठेकों को संबंधित यूनिवर्सिटी ने वापस लेना शुरू कर दिया है।
20 दिसंबर को बयान दर्ज कराने के लिए भेजा गया है नोटिस
यूपी एसटीएफ ने कमीशनखोरी के आरोप में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सीएसजेएमयू, कानपुर के वीसी विनय पाठक को आज एसटीएफ मुख्यालय में पेस होना है। उनको एसटीएफ ने नोटिस भेजकर 20 दिसंबर मुख्यालय पर हाजिर होकर अपनी बात रखने का समय दिया है। एसटीएफ वीसी विनय पाठक को तीन बार नोटिस पहले भी जारी कर चुका है। साथ ही पिछले दिनों उन पर भ्रष्टाचार की धाराएं भी बढ़ा दी थीं।
सूत्रों के मुताबिक हालांकि इसबार भी विनय पाठक ने नोटिस के जवाब में खुद का इलाज एम्स में होने की बात कही है, लेकिन किसके साथ और किस विभाग में करा रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं दी। विनय पाठक को एसटीएफ ने बयान के लिये 18 नवम्बर को पहली बार मुख्यालय बुलाया था। जवाब में पाठक की ओर से ई-मेल भेज कहा गया कि वह बीमारी से आने में असमर्थ है। 25 नवंबर के बाद बयान कराएंगे। उन्होंने कोर्ट से भी राहत मांगी, लेकिन अर्जी रद्द हो गई। साथ ही मुख्यालय बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद एसटीएफ ने फिर नोटिस जारी की थी।
टेक्निकल यूनिवर्सिटी और LU ने खींचे हाथ
अजय मिश्र के करीबी संतोष सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसकी भी फर्म हुई ब्लैक लिस्ट।
अजय मिश्र के करीबी संतोष सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसकी भी फर्म हुई ब्लैक लिस्ट।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक वीसी विनय पाठक के करीबी अजय मिश्र के साथी संतोष कुमार सिंह के जेल भेजे जाने के बाद डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय ने इनकी फर्म से काम वापस ले लिया है। लखनऊ विश्वविद्यालय और भाषा विश्वविद्यालय ने भी पत्र लिखकर दूसरी कंपनी से विकल्प मांगे हैं। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने भी इसको लेकर विचार शुरू कर दिया है।
अजय मिश्र ने अपनी फर्म के ब्लैक लिस्ट होने के बाद विश्वविद्यालयों से काम लेने के लिए कई अलग-अलग फर्म बना ली थी।
रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से होगी पूछताछ
अजय मिश्र के कहने पर ही संतोष की कंपनी को मिला था कोरोना किट का ठेका।
अजय मिश्र के कहने पर ही संतोष की कंपनी को मिला था कोरोना किट का ठेका।
वीसी विनय पाठक के करीबी अजय मिश्र के साथी संतोष की गिरफ्तारी के बाद रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अफसरों से कभी भी पूछताछ हो सकती है। संतोष की कम्पनी सत्यम सॉल्यूसंस को चार करोड़ की कोरोना किट ठेका कैसे और किसके कहने पर मिला। उसने रूहेलखंड यूनिवर्सिटी ने इसी साल बीएड प्रवेश परीक्षा के केन्द्रों पर कोरोना किट उपलब्ध करायी थी।
अजय के बाद संतोष ने भी एसटीएफ से कई अफसरों के नाम उगले
एसटीएफ के अधिकारी ने दावा किया कि संतोष ने रुहेलखंड विवि के कई प्रशासनिक अफसरों के नाम लिये हैं। इनसे उसकी बातचीत हुई और दो-तीन बार मुलाकात भी हुई। कुछ और लोग एसटीएफ के निशाने पर वीसी विनय पाठक के करीबियों पर एसटीएफ लगातार नजर बनाए हुए है।
अजय मिश्र के करीबी संतोष सिंह से हुई पूछताछ के आधार पर एसटीएफ जल्द कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक संतोष से कानपुर यूनिवर्सिटी के अलावा एकेटीयू और आगरा के डॉ. भीम राव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में ठेकों में खेल की बात सामने आई है। इन्हीं मामलों में साक्ष्य जुटाकर जल्द ही इन यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों से जल्द पूछताछ की जा सकती है।
यह था मामला
इंदिरा नगर थाने में 28 नवम्बर वीसी विनय पाठक और एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्र के खिलाफ कमीशन खोरी की एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें अजय मिश्र को 29 फरवरी को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद अजय मिश्र के कहने पर विनय पाठक के कमीशन को मैनेज करने के लिये फर्जी ई-वे बिल लगाने के आरोप में गुड़गांव निवासी अजय जैन को गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों के बयान के आधार पर इंदिरानगर के रसूलपुर स्थित अजय मिश्र की प्रिंटिंग प्रेस पर छापेमारी की गई। जहां एलयू, एकेटीयू के अलावा कई और यूनिवर्सिटी के प्रश्न पत्र यहां छपते मिले थे।