लखनऊ साइबर टीम ने प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के डाटा हैक कर क्रेडिट कार्ड से ठगी करने वाले IT कंसल्टेंट और उसके नाबालिग बेटे को गिरफ्तार कर लिया। अनुराग श्रीवास्वत का निजी डाटा निजी IT कंसलटेंट ने हैक किया था। उसने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए काम करने के दौरान कम्प्यूटर प्रोग्रामर और नाबालिग बेटे की मदद ली थी।
कंपनी के कर्मचारियों को फंसाने के लिए किया खेल
साइबर टीम की जांच जांच जैसे ही आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे ही पूरे केस की परत दर परत खुलती गई। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर मो. मुस्लिम खान के मुताबिक मुख्य आरोपी सत्य प्रकाश मूल रूप से पटना का रहने वाला है। जो लखनऊ में पार्थ अपार्टमेंट में परिवार के साथ रह रहा था। मुख्य आरोपित ने अपनी ही कंसल्टेंट कंपनी के तीन कर्मचारियों अमित सिंह, रजनीश निगम और हार्दिक खन्ना को फंसाने के लिए फर्जी सुबूत तैयार किए थे। इसके लिए बेटे की भी मदद ली। बेटे से इंटरनेट से कई साफ्टवेयर परचेज किए थे। सत्यप्रकाश ने खुद को फंसता देख 11 दिसंबर को गिरफ्तार के खिलाफ सबूत दे दिए थे।
डोमेन खरीदा, फिर दी धमकी
सत्य प्रकाश ने पूछताछ में बताया कि वेबसाइट से हावर्ड डॉट नेट डॉट इन नाम से डोमेन खरीदा। साइबर क्राइम थाने की टीम ने उसके घर, कार्यालय में कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच शुरू की। इससे साफ हो गया कि डोमेन सत्य प्रकाश ने ही खरीदा था। धमकी वाले मेल में भेजे गए डॉक्यूमेंट की जांच हुई तो उसके सत्य प्रकाश के नाबालिग बेटे की ओर से बनाए जाने की पुष्टि हुईं।
पूछताछ में सत्यप्रकाश ने यह भी बताया कि उसे लगा था कि प्रमुख सचिव इतनी छोटी रकम के लिए केस नहीं कराएंगे। दूसरी तरफ साइबर टीम को 11 दिसंबर को गिरफ्तार तीनों कर्मचारियों की मामले में भूमिका नहीं मिली। साइबर क्राइम थाने की टीम ने इन्हें छुड़ाने के लिए रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
यह था मामला
नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव IAS अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने एक FIR दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि 21 नवंबर को उनके मोबाइल फोन पर मैसेज आया कि उनके SBI क्रेडिट कार्ड का गलत प्रयोग करते हुए जालसाजों ने विदेशी मुद्रा में करीब 49999 रुपए का ट्रांजेक्शन किया है।
मैसेज आने पर उन्होंने ऐप के माध्यम से क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने का प्रयास किया पर कार्ड ब्लॉक नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने बैंक से संपर्क कर कार्ड और खाते को ब्लाक कराया। इतना ही नहीं हैकरों ने उनको और उनके परिवार के चार लोगों की जीमेल की ईमेल आईडी और क्लाउड डाटा हैक करने का मेल मिला। जिस पर हैकर ने सभी से बिटकॉइन में रंगदारी की मांग की है।