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23 दिसंबर से शुरू होगा आगाज, सालभर आयोजन की हैं तैयारी

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लखनऊ का DAV यानी दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज 23 दिसंबर को अपने शताब्दी समारोह की शुरुआत करेगा। सन 1919 में गणेशगंज से एक मिडिल स्कूल के रूप में शुरू हुआ यह संस्थान अब महाविद्यालय बन चुका है।

यूं तो संस्थान तीन साल पहले ही 100 साल पूरे कर चुका है। मगर, कोरोना की वजह से समारोह नहीं हो सका। यही कारण हैं कि अब कॉलेज एक वर्ष तक शताब्दी समारोह के तहत हर महीने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।

103 साल के सफर में DAV से पढ़कर निकलने वाले नामी स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या हैं।
103 साल के सफर में DAV से पढ़कर निकलने वाले नामी स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या हैं।

गणेशगंज में मिडिल स्कूल से शुरू हुआ था सफर

DAV के प्रबंधक मनमोहन तिवारी ने बताया कि डीएवी कॉलेज की स्थापना समाजसेवी स्व. पं. रास बिहारी तिवारी ने गणेशगंज में एक मिडिल स्कूल के रूप में 1919 में थी। 103 साल के लंबे सफर में संस्थान से पढ़कर निकले तमाम स्टूडेंट्स देश भर में मान बढ़ा रहे हैं।

यह रह चुके हैं एलुमनाई

DAV के टॉप एलुमनाई में प्रोफेसर हरि कृष्ण अवस्थी, डा. रतन सिंह, जस्टिस अनिल कुमार, एडिशनल एडवोकेट जनरल चंडीगढ़ लेखराज शर्मा, GSVM मेडिकल कॉलेज कानपुर में कार्डियोलाजिस्ट प्रोफेसर RN पांडेय सहित कई नाम शामिल हैं। फिलहाल में यहां करीब 3500 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं।

108 कुंडीय देव यज्ञ से समारोह की शुरुआत

शताब्दी समारोह का शुभारंभ 23 दिसंबर को होगा। पहले दिन 108 कुंडीय देव यज्ञ होगा। इसके लिए इतनी ही वेदियां बनेंगी। इसके अलावा भजन प्रवचन व आर्य विरांगनाओं की ओर से पुरोहित भी इतने होंगे। आर्य समाज शिक्षण संस्थाओं की छात्राएं तलवारबाजी, लाठी चलाना सहित कई चीजें प्रस्तुत करेंगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शामिल होंगे।

इसके अलावा प्रबंधक मनमोहन तिवारी, आचार्य रवींद्र शास्त्री, आचार्य विश्वव्रत शास्त्री, भजन सम्राट संदीप आर्य, भाजपा के युवा नेता नीरज सिंह, सदस्य विधान परिषद अवनीश सिंह, नगर अध्यक्ष भाजपा मुकेश शर्मा सहित कई प्रमुख लोग शामिल होंगे।

साल भर आयोजन का प्लान –

उप प्राचार्य ने बताया कि शताब्दी समारोह में साल भर तक युवा महोत्सव, कला महोत्सव, सांस्कृतिक महोत्सव, कवि सम्मेलन, क्रीड़ा महोत्सव, नाट्य महोत्सव, पुस्तक प्रदर्शनी, व्याख्यान माला का आयोजन होगा। इसकी समय सारिणी जल्द जारी होगी।

बनेगा नया भवन –

प्राचार्य प्रो. सुधांशू सिन्हा ने बताया कि अभी विधि की कक्षाएं पुराने भवन में चलती हैं। विधि के नए भवन का निर्माण कराने की योजना बनी है।

एक नजर – स्कूल से कॉलेज तक का सफर

1919 – मिडिल स्कूल के रूप में नींव रखी गई,

1920 – हाई स्कूल की मान्यता मिली,

1942 – इंटरमीडिएट की कक्षाएं शुरू हुईं,

1948 – स्नातक कला एवं विज्ञान वर्ग की कक्षाएं शुरू हुईं,

1972-73 – लॉ क्लासेज की शुरुआत,

2003-04 – PG को मिली स्थायी सम्बद्धता,

2019 – 100 वर्ष पूरे।

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