भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से चीन और उसके करीबी पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किसी का नाम लिए बगैर यूएन में एक बहस के दौरान कहा कि आतंकियों को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक खुली बहस के दौरान चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को उचित ठहराने और साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है। यूएनएससी में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नयी दिशा’ विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने कहा कि संघर्ष ने ऐसी स्थिति बना दी है कि बहुपक्षीय मंच पर चलताऊ रवैया नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने कहा, आतंकवाद की चुनौती पर, दुनिया अधिक एकजुट प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है लेकिन साजिशकर्ताओं को उचित ठहराने और बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
जयशंकर परोक्ष रूप से चीन का जिक्र कर रहे थे, जिसने पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए कई मौकों पर भारत और अमेरिका के प्रयासों को बाधित किया। मंत्री ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय की बात आती हैतो स्थिति बेहतर नहीं है।
महात्मा गांधी के विचारों को मार्गदर्शक बनाए रखना चाहिए
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जब दुनिया हिंसा, सशस्त्र संघर्ष और मानवीय संकट से जूझ रही है, महात्मा गांधी के सिद्धांतों को विश्व में शांति व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शक बनाए रखना चाहिए। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में एक सादे समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। भारत ने प्रतिष्ठित शिल्पकार पद्मश्री से सम्मानित रामसुतार द्वारा बनायी गयी यह आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र को उपहार स्वरूप दी है। रामसुतार ने ही गुजरात में स्थापित सरकार वल्लभ भाई पटेल की ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ डिजाइन की है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा है।