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संयुक्त राष्ट्र महिला अधिकार निकाय से ईरान बाहर, अमेरिका के प्रस्ताव पर मतदान से भारत ने बनाई दूरी

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ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब को लेकर चल रहे प्रदर्शन को बर्बर तरीके से दबाया जा रहा है। अमेरिका द्वारा लाए गए प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने ईरान को महिला अधिकार निकाय से बाहर कर दिया गया है।

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के 29 सदस्यों ने ईरान को 2022-2026 की शेष अवधि के लिए महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग से बाहर करने के लिए मतदान किया। बुधवार को हुए मतदान में भारत ने तटस्थता की नीति अपनाई। मतदान में आठ देशों ने ईरान के खिलाफ और 16 सदस्यों ने मतदान नहीं किया। इससे पहले बीते माह में अमेरिका ने कहा था कि वह महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के उल्लंघन और सितंबर में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए की गई कार्रवाई को लेकर ईरान को संयुक्त राष्ट्र के महिलाओं से जुड़े वैश्विक निकाय से बाहर करने का प्रयास करेगा।

संयुक्त राष्ट्र में मतदान अमेरिका के प्रस्ताव पर किया गया। इस प्रस्ताव में अमेरिका ने तत्काल प्रभाव से ईरान को आयोग की सदस्यता से वंचित करने की मांग की। प्रस्ताव में कहा गया है कि ईरान सरकार अक्सर अत्यधिक बल के उपयोग के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार सहित महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों को लगातार कमजोर करता है।

इस प्रस्ताव पर मतदान के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज एक ऐतिहासिक वोटिंग में संयुक्त राष्ट्र ने ईरानी शासन ने महिलाओं और लड़कियों के व्यवस्थित दमन के जवाब में ईरान को महिलाओं की स्थिति पर आयोग से हटाने का काम किया। यह वोट ईरान और जवाबदेही की मांगों पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय सहमति का एक और संकेत है।

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