योगी सरकार और भाजपा संगठन निकाय चुनाव के जरिए लोकसभा-2024 की तैयारियों में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद 17 नगर निगमों में भाजपा की जीत के लिए कमान संभाली है तो बूथ प्रबंधन से लेकर मंडल, सेक्टर और जिले की टीमों को मजबूत किया जा रहा है। वह निकाय चुनाव से पहले सभी निगमों में प्रबुद्ध जनसम्मेलन और करोड़ों की सौगात देने के बाद फिर तूफानी दौरे करेंगे। नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और महामंत्री संगठन बीएल संतोष और मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को निकाय चुनाव पर मंथन किया।
लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव के तुरंत बाद भाजपा निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। जनवरी में निकाय चुनाव के साथ विधान परिषद की शिक्षक स्नातक क्षेत्र की पांच सीटों के चुनाव हैं। उसके बाद सहकारिता के चुनाव होने हैं। पार्टी ने निकाय चुनाव को लोकसभा-2024 का सेमीफाइनल मानते हुए सभी निगमों, जिला मुख्यालय वाली नगर पालिका परिषद के साथ प्रमुख नगर पंचायतों पर भगवा फहराने की रणनीति बनाई है।
इसी को लेकर बीते रविवार को प्रदेश मुख्यालय में जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों को चुनावी एजेंडा सौंपा गया और मुख्यमंत्री के साथ रणनीति बनाई गई। इसमें तय हुआ कि सभी 17 नगर निगम में सीएम योगी एक से दो रैलियां, रोड शो करने के साथ प्रमुख नगर पालिका परिषदों में भी प्रचार करेंगे। प्रबुद्धजनों से संवाद का सिलसिला बढ़ाते हुए जनसंपर्क किया जाएगा। चुनाव में सभी मंत्री, विधायक, सांसद और बूथ से लेकर प्रदेश पदाधिकारी दिनरात जुटेंगे। इसका फायदा विधान परिषद चुनाव, सहकारिता चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा।
अनुपूरक बजट में खोला खजाना
नगरीय निकाय चुनाव में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ही प्रमुख मुद्दा होती हैं। यही वजह है सरकार ने अनुपूरक बजट में नगरीय सुविधाओं में इजाफा करने के लिए सरकार भरपूर धन दे रही है। 33,700 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट में नई योजनाओं पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान है। इसमें से अधिकांश सड़क निर्माण और नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने में खर्च किया जाएगा।
शुरू होगा दूसरे दलों को तोड़ने का खेल
भाजपा निकाय चुनाव से ही सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद और सुभासपा जैसे राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ का खेल शुरू करेगी। पार्टी जनवरी से सदस्यता का अभियान शुरू कर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं, पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों के साथ जनाधार वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करेगी। विधानसभा चुनाव 2022 से करीब छह महीने पहले भाजपा ने सपा के एक दर्जन विधान परिषद सदस्य और विधायकों के साथ बसपा, रालोद, सुभासपा और कांग्रेस के नेताओं को भाजपा में शामिल कराया था।
पार्टी इस सिलसिले को लोकसभा चुनाव तक जारी रखना चाहती है। पार्टी ने जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों को प्रभावशाली नेताओं से संपर्क करने और उन पर नजर रखने का संकेत दिया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मुख्य फोकस पश्चिम और पूर्वांचल में बसपा के जिला स्तरीय नेताओं के हाथ में कमल थमाना है ताकि बसपा के वोट बैंक पर कब्जा जमाया जा सके। जिलाध्यक्षों के फीडबैक पर प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी परीक्षण कर हरी झंडी देगी। इसके लिए जल्द ही प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे।