जिला न्यायालय में बुधवार का दिन विधायकों के लिए भारी रहा। एक ओर जहां विधायक विजमा यादव ने भीड़ को उकसाने के मामले में अपना बयान दर्ज कराया, वहीं दूसरी ओर बाहुबली अतीक अहमद पर लगे गैंगस्टर मामले में विधायक पूजा पाल के गवाही देने के लिए न पहुंचने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया।
साथ ही पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की पत्नी के खिलाफ अर्जी दाखिल कर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हुए हमले के मामले में इंस्पेक्टर अजय सेठ तलब हुए और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। इन चारों मामलों की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट में चल रही है। विशेष न्यायाधीश डॉ.दिनेश चंद्र शुक्ला सुनवाई कर रहे हैं। सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य ने चारों केसों में पैरवी की।
अतीक पर 2008 में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में गवाह हैं पूजा पाल
अतीक अहमद के खिलाफ सन 2008 में धूमनगंज में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में विधायक पूजा पाल सरकारी गवाह हैं। उनकी गवाही के लिए कोर्ट ने उन्हें समन किया था लेकिन वह पेश नहीं हुईं तो कोर्ट ने जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वह समन और जमानती वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुईं। इसे देखते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। मामले में 16 दिसंबर को सुनवाई होगी।
अतीक अहमद के खिलाफ सन 2008 में धूमनगंज में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में विधायक पूजा पाल सरकारी गवाह हैं। उनकी गवाही के लिए कोर्ट ने उन्हें समन किया था लेकिन वह पेश नहीं हुईं तो कोर्ट ने जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वह समन और जमानती वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुईं। इसे देखते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। मामले में 16 दिसंबर को सुनवाई होगी।
विधायक विजमा को सफाई साक्ष्य के लिए देना होगा गवाह
सपा विधायक पर सन 2000 में भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया है। उनके उकसाने पर भीड़ ने उपद्रव किया। इस वजह से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। बुधवार को वह एमपीएमएलए कोर्ट में पेश हुईं और अपने बचाव में बयान दिए। कहा, वह निर्दोष हैं। उन्हें राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है। कोर्ट ने उनका पक्ष जानने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि तय की है। विधायक को अपने बचाव के लिए गवाहों की सूची कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी।
सपा विधायक पर सन 2000 में भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया है। उनके उकसाने पर भीड़ ने उपद्रव किया। इस वजह से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। बुधवार को वह एमपीएमएलए कोर्ट में पेश हुईं और अपने बचाव में बयान दिए। कहा, वह निर्दोष हैं। उन्हें राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है। कोर्ट ने उनका पक्ष जानने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि तय की है। विधायक को अपने बचाव के लिए गवाहों की सूची कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी।
नंदी पर हुए हमले में इंस्पेक्टर का बयान दर्ज
मंत्री नंदी पर हुए हमले के मामले में भी बुधवार को इंस्पेक्टर अजय सेठ का बयान दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर सेठ भदोही से तलब थे। मामले में दिलीप मिश्रा और विजय मिश्रा आरोपी हैं। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी जिरह पहले ही पूरी कर ली है। जबकि, नंदी के एक अन्य मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। सन 2014 में नंदी कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार थे। जुलूस के दौरान सपा कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी। इन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया है। मामले में तत्कालीन सीओ नीति द्विवेदी बृहस्पतिवार को तलब हैं।
मंत्री नंदी पर हुए हमले के मामले में भी बुधवार को इंस्पेक्टर अजय सेठ का बयान दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर सेठ भदोही से तलब थे। मामले में दिलीप मिश्रा और विजय मिश्रा आरोपी हैं। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी जिरह पहले ही पूरी कर ली है। जबकि, नंदी के एक अन्य मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। सन 2014 में नंदी कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार थे। जुलूस के दौरान सपा कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी। इन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया है। मामले में तत्कालीन सीओ नीति द्विवेदी बृहस्पतिवार को तलब हैं।
पूर्व मंत्री राकेशधर की पत्नी को आरोपी बनाए जाने की मांग
आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ चल रहे केस में उनकी पत्नी को भी सह अभियुक्त बनाने की मांग की गई है। विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता की ओर से इस संबंध में 319 के तहत अर्जी दाखिल की गई है। कहा गया कि उनके नाम भी बेनामी संपत्ति है जबकि उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। लिहाजा, उन्हें तलब कर उनके खिलाफ भी केस चलाया जाए।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ चल रहे केस में उनकी पत्नी को भी सह अभियुक्त बनाने की मांग की गई है। विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता की ओर से इस संबंध में 319 के तहत अर्जी दाखिल की गई है। कहा गया कि उनके नाम भी बेनामी संपत्ति है जबकि उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। लिहाजा, उन्हें तलब कर उनके खिलाफ भी केस चलाया जाए।