हिमाचल प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रधान निजी सचिव लगाए जाने को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। इस सीट पर मुख्यमंत्री के करीबी और विश्वास के अफसर की तैनाती की जानी है। ऐसे में इस सीट के लिए अफसर गोटियां फिट करने में लगे हैं। सरकार इस पद को ज्यादा समय के लिए खाली नहीं रखती है। चूंकि, यह मुख्यमंत्री का फ्रंट अधिकारी होता है। ऐसे में मुख्य सचिव जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से इस बारे में राय लेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में अन्य स्टाफ की भी तैनाती की जानी है।
पूर्व में जयराम सरकार बनते ही इस सीट पर आईएएस विनय सिंह की तैनाती की गई थी। करीब तीन साल वह इस पद पर तैनात रहे। आईएएस अधिकारी आरएन बत्ता की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें इस पद पर तैनाती दी गई थी। जयराम सरकार के हटने के बाद यह पद खाली है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया है। अब इनके प्रधान निजी सचिव की तैनाती की जानी है। सचिवालय में मुख्यमंत्री प्रधान निजी सचिव को लेकर दिनभर चर्चा रही। मुख्यमंत्री के पास अफसरों के मिलने का तांता लगा रहा। एक के बाद एक अफसर बुके लेकर मुख्यमंत्री को बधाई देते रहे।
फाइलें साइन कराने का जिम्मा निजी प्रधान सचिव पर
मुख्यमंत्री से फाइल साइन कराने का जिम्मा निजी प्रधान सचिव पर होता है। निजी प्रधान सचिव से ही मुख्यमंत्री को बताया जाता है कि यह फाइल उक्त विकास कार्यों से संबंधित है। इसमें कितने लोगों को फायदा होना है। हर बात को ध्यान में रखते हुए फाइल साइन की जाती है। डीओ नोट भी प्रधान निजी सचिव के तहत के मुख्यमंत्री को साइन करने के लिए भेजे जाते हैं।