विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन घटने के साथ खनन व ऊर्जा क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से अक्तूबर में देश के औद्योगिक उत्पादन में चार फीसदी की गिरावट आई है। यह अगस्त, 2020 के बाद पिछले 26 महीने में भारतीय उद्योग का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। उस समय औद्योगिक उत्पादन 7.1% घटा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अक्तूबर, 2021 में 4.2 फीसदी बढ़ा था। ताजा आंकड़े बताते हैं कि उद्योग की वृद्धि केवल एक माह के अंतराल के बाद वापस नकारात्मक हो गई है। इस साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.5% रही थी, जबकि अगस्त में यह 0.7 फीसदी घटा था। आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.6 फीसदी घटा है। एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 3.3 फीसदी वृद्धि हुई थी। हालांकि, खनन और बिजली उत्पादन क्रमश: 2.5 फीसदी एवं 1.2 फीसदी बढ़ा है। टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों के उत्पादन में 15.3 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 13.4 फीसदी घटा है।
उम्मीद से ज्यादा कमजोर रहा प्रदर्शन, निवेश में कमी
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर कहा, आईआईपी में गिरावट उम्मीद से कहीं ज्यादा रही है। यह निर्यात के कमजोर प्रदर्शन को भी दिखाता है। इसके अलावा, त्योहारी मौसम के दौरान रही छुट्टियों से भी औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पूंजीगत उत्पादों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है क्योंकि यह निवेश में कमी की ओर इशारा करता है।