मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के एकतरफा परिणामों ने जिले की राजनीति में हलचल को बढ़ावा दे दिया है। सपा जहां जीत के जश्न में डूबी है तो वहीं भाजपा में हार पर मंथन शुरू हो गया है। हाल ये है कि भाजपा नेता सोशल मीडिया पर खुद ही हार की सफाई दे रहे हैं। उनकी इस सफाई पर कुछ लोग उन्हें खुलकर पद छोड़ने की सलाह तक देने से नहीं चूक रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद भाजपा के पास सपा के गढ़ में कमल खिलाने का मौका था। इस मौके का फायदा उठाने में भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी। गांव-गांव तक जनसंपर्क के साथ ही मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने भी जोर-शोर से प्रचार किया। आठ दिसंबर को मतगणना में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को बड़ी जीत मिलने से उपचुनाव अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। जीत मिलने से सपा में जहां खुशी का माहौल है तो वहीं भाजपा के सामने हार का जवाब तलाशने की चुनौती आकर खड़ी हो गई है।
हाल ये है कि बीते चुनाव की अपेक्षा सपा की जीत का अंतर तीन गुने से भी अधिक बढ़ गया है। ऐसे में भाजपा नेताओं के पास कोई जवाब नहीं है। सोशल मीडिया पर भाजपा नेता सफाई दे रहे हैं, लेकिन जनता सुनने के लिए तैयार नहीं है।
कभी भाजपा के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को उनके बूथ पर भाजपा के जीतने का सुबूत साझा करना पड़ रहा है, तो कभी उन्हें सपा को धनबल के नाम पर जीतने का हवाला देना पड़ रहा है। दूसरी तरफ कई समर्थक और कार्यकर्ता जिला स्तरीय पदाधिकारियों से इस्तीफा तक मांग रहे हैं।
हालांकि अब तक आधिकारिक रूप से भाजपा ने अपनी हार को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। ऐसे में साफ है कि अब तक भाजपा इस हार पर मंथन कर रही है।
अब 2024 में भाजपा समर्थक कर रहे जीत का दावा
सोशल मीडिया पर एक मेसेज और तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें भाजपा समर्थक लिख रहे हैं कि वे चुनाव हारे हैं, लेकिन अभी हौसला बाकी है। वे दावा कर रहे हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वे जरूर जीतेंगे। वे लोगों से सोशल मीडिया पर स्क्रीन शॉट लेने तक की बात कह रहे हैं। ये मेसेज सोशल मीडिया पर आम हो गए हैं।