मैनपुरी लोकसभा सीट पर अब तक 20 बार चुनाव हो चुके हैं। सबसे बड़ी हार की बात की जाए तो अब तक हुए चुनावों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तीनों स्थान पर भाजपा के प्रत्याशी ही हैं। रघुराज शाक्य हार के सबसे बड़े अंतर वाली सूची में तीसरे स्थान पर हैं। रघुराज से पहले दो भाजपा के प्रत्याशियों ने ही पहले और दूसरे स्थान पर कब्जा कर रखा है।
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का गठन वर्ष 1951 में हुआ था। वर्ष 1952 में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ। तब से अब तक 20 बार चुनाव हो चुके हैं। इसमें तीन बार उपचुनाव भी हुआ है। हार के अंतर की बात की जाए तो सबसे बड़ी हार वर्ष 2014 के चुनाव में हुई थी। उस समय सपा से मुलायम सिंह यादव मैदान में थे और भाजपा ने शत्रुघ्न सिंह को मैदान में उतारा था। शत्रुघ्न सिंह को मुलायम सिंह यादव ने तीन लाख 64 हजार 666 मतों से पराजित किया था। दूसरी सबसे बड़ी हार वर्ष 2014 के लोकसभा के उपचुनाव में हुई थी। इस बार मुलायम सिंह के पौत्र तेजप्रताप सिंह मैदान में थे। भाजपा ने प्रेम सिंह शाक्य को मैदान में उतारा था। तेजप्रताप सिंह ने प्रेम सिंह शाक्य को तीन लाख 21 हजार 149 मतों के अंतर से पराजित किया था।
सीपीआई के रामनाथ सबसे कम अंतर से हारने वाले रहे प्रत्याशी
वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बादशाह गुप्ता और सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) के रामनाथ के बीच कांटे का मुकाबला हुआ। इस चुनाव में बादशाह गुप्ता को 52328 मत मिले जबकि रामनाथ ने 51554 मत प्राप्त किए। रामनाथ यह चुनाव मात्र 804 मतों से हार गए।
कब किसे कितने वोट मिले
लोकसभा चुनाव- 2014
मुलायम सिंह, सपा- 595918
शत्रुघ्न सिंह, भाजपा- 231252
अंतर-364666
लोकसभा उपचुनाव- 2014
तेजप्रताप, सपा- 653686
प्रेम सिंह, भाजपा- 332537
अंतर- 321149