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डॉ. फारूक अब्दुल्ला को दोबारा चुना गया नेशनल कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष, बोले- उमर आप लड़ें चुनाव

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से दोबारा नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) का अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि वह आदेश देते हैं कि उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ें।

पार्टी की ओर से सोमवार को पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की नसीम बाग स्थित मजार पर उनकी 117वीं जयंती पर करवाए गए डेलीगेट्स (प्रतिनिधि) सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने एक मत से डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पार्टी का प्रमुख बनाने का समर्थन किया।

इसमें कश्मीर से 183, जम्मू संभाग से 396 और लद्दाख से 25 प्रस्ताव डॉ. फारूक के समर्थन में प्राप्त हुए। पार्टी संविधान के तहत तीन साल बाद ब्लॉक, जिला, संभागीय और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवाए जाते हैं, लेकिन कोविड के कारण पांच साल बाद चुनाव की रस्म निभाई गई।

डॉ. फारूक के खिलाफ किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा था। फारूक वर्ष 2009 के बाद लगातार तीसरी बार पार्टी के अध्यक्ष चुने गए हैं। नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने बताया कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पर सिर्फ डॉ. फारूक अब्दुल्ला का ही नामांकन प्राप्त हुआ।

डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में श्रीनगर में एक सभा के दौरान अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद से हटने की बात कही थी, जिसके बाद पार्टी में चुनाव प्रक्रिया की गई। जिसमें घोषणा की गई थी कि प्रतिनिधि सत्र के दौरान चुनाव होंगे। ऐसे में माना जा रहा था कि उमर अब यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।

सागर ने कहा, पार्टी के सभी आंतरिक चुनाव संपन्न हो गए हैं। डॉ. फारूक अब्दुल्ला 1981 में पहली बार नेकां अध्यक्ष बने थे और जून 2002 में पार्टी प्रमुख का पद छोड़ा था। उन्होंने अपने पुत्र उमर अब्दुल्ला को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। वर्ष 2009 में उमर के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नेकां प्रमुख का कार्यभार दोबारा संभाला था।

इसके लगभग आठ वर्ष बाद 2017 में अंतिम बार नेकां में संगठनात्मक चुनाव हुआ था और फारूक को फिर से अध्यक्ष चुना गया था। उस समय भी फारूक ने अपनी सेहत और वृद्धावस्था का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इन्कार किया था, लेकिन तत्कालिक परिस्थितियों और उमर व अन्य वरिष्ठ नेताओं की मर्जी के चलते वह निर्विरोध अध्यक्ष बने थे। फारूक के बाद उमर सात वर्ष तक अध्यक्ष पद पर रहे थे।

 

2018 के पंचायत चुनाव का बहिष्कार करना एक बड़ी गलती थी : फारूक 

नेकां अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी के कार्यकर्ताों के संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव का बहिष्कार करना एक बहुत बड़ी गलती थी। पार्टी को भविष्य में सभी चुनाव लड़ने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और सुरक्षाबलों को किसी भी चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

डॉ. फारूक ने कहा कि मैं पार्टी को बताना चाहता हूं कि पंचायत चुनाव (2018) का बहिष्कार करना एक बड़ी भूल थी। हमें याद रखना चाहिए कि हम आने वाले किसी भी चुनाव का बहिष्कार न करें। हम चुनाव लड़ेंगे और जरूर जीतेंगे।

पार्टी के प्रतिनिधि सत्र में डॉ. फारूक ने बेटे उमर अब्दुल्ला की घोषणा का उल्लेख करते हुए कि वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे जब तक जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा पर पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैं आपको कहता हूं कि आपको चुनाव लड़ना है, क्योंकि अगर हमें उनसे लड़ना है तो हम सभी को मैदान में उतरना होगा और चुनाव लड़ना होगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक ने कहा कि भाजपा कुछ भी करेगी यहां तक कि आपकी वफादारी को खरीदने का प्रयास भी करेगी, लेकिन भगवान उनके सभी मंसूबों को विफल कर देगा। सरकार और सुरक्षाबल चुनावों में दखल न दें।

लोगों को जाने दो और वह तय करें कि वोट किसे देना है, नहीं तो एक तूफान आएगा जिसे आप रोक नहीं पाओगे। हम अपने अधिकारों के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। फारूक अब्दुल्ला इस पर आंदोलन शुरू करने वाले पहले व्यक्ति होंगे।

आजाद ने फारूक को बधाई दी

डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के चेयरमैन व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से नेकां का दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के लिए बधाई दी है। उन्होंने उनके बेहतर स्वास्थ्य और जम्मू कश्मीर की राजनीतिक में उनके लंबे सफर के लिए प्रार्थना की। कहा, मुझे यकीन है कि डॉ. फारूक के दोबारा अध्यक्ष बनने से जम्मू कश्मीर की राजनीति फलेगी फूलेगी और लोकतंत्र का विस्तार करेगी। ब्यूरो

पार्टी नेतृत्व ने डॉ. फारूक को पद छोड़ने की अनुमति नहीं दी: उमर 

नेकां के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डॉ. फारूक व अपने पिता को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि फारूक साहब ने उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा कर हम सबको एक झटका दे दिया था। लेकिन, पार्टी उन्हें पार्टी नेतृत्व छोड़ने की अनुमति नहीं दे सकती है। मैंने उन्हें इस पद को स्वीकार करने के लिए राजी किया और हम विश्वास दिलाते है कि अब आपके दोबारा चुने के बाद हम आपके मिशन को आगे बढ़ाएंगे।

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